प्रवासी पक्षियों ने फिरोजपुर झील में जमाया डेरा प्रवासी पक्षियों ने फिरोजपुर झील में जमाया डेरा
ज़मीर अहमद भेलसर।राष्ट्रीय राजमार्ग के भेलसर चौराहा के निकट फिरोजपुर व तराई क्षेत्र की झील में सुबह से ही विदेशी परिंदे पानी में अठखेलियां... प्रवासी पक्षियों ने फिरोजपुर झील में जमाया डेरा

ज़मीर अहमद

भेलसर।
राष्ट्रीय राजमार्ग के भेलसर चौराहा के निकट फिरोजपुर व तराई क्षेत्र की झील में सुबह से ही विदेशी परिंदे पानी में अठखेलियां करते हैं। पक्षियों की एक साथ आसमान में उड़कर पानी में उतरने की कला भी दिल को मोहने वाली होती है। विदेशी परिदों के दिल मोहने वाले ऐसे ही दृश्य रुदौली तहसील की झीलों व नमी वाले क्षेत्रों में दिखने लगे हैं। सर्दी का मौसम शुरु होते ही विदेशी पक्षी आने लगते हैं। इन मेहमान पक्षियों ने क्षेत्र के तालाबों और नदियों को भी ठिकाना बना रहे है। इससे झील, नदियां व तालाब गुलजार हो गए हैं।

यह पक्षी हजारों मील की उड़ान तय कर आते हैं। इस समय में जम्मू कश्मीर, उत्तरी अमेरिका, यूरोप, साइबेरियन, कजाकिस्तान, रुस और मंगोल आदि देशों में तापमान शून्य के काफी नीचे चला जाता है। इसके चलते जमकर बर्फ गिरने लगती है। जनजीवन भी अस्त- व्यस्त हो जाता है। तापमान में गिरावट होने के कारण वहां के पक्षी भारत की ओर रुख कर लेते है। नवंबर से ही विदेशी पक्षियों के झुंडों का भारत आना शुरु हो जाता है। दिसंबर महीने में पड़ रही ठंड के मद्देनजर अभी तक यहां जम्मू-कश्मीर से आने वाले लालसर, पाकिस्तान से आने वाले नीलसर, बांग्लादेश व उत्तरी अमेरिका, यूरेशिया से आने वाली तिदारी बतख, श्रीलंका से आने वाली शिवाडुबडुबी, श्रीलंका सहित यूरोप व उत्तरी अमेरिका से आने वाली सींकपर के साथ ही यूरेशिया, तिब्बत व लद्दाख से आने वाली ठेकरी का आगमन यहां हो चुका है। यह पक्षी चार महीने तक भारत में ठहरते हैं। ये जोड़ों में आते हैं, प्रजनन प्रक्रिया करते हैं और बच्चे के जन्म के बाद उनके साथ ही 15 मार्च तक वापसी का रुख करते हैं। इन पक्षियों की तासीर गर्म होने के कारण शिकार करने वाले भी सक्रिय हो जाते हैं। निगरानी की कमी होने के कारण लगभग 10 फीसद पक्षियों का शिकार कर लिया जाता है। हालांकि, इन पक्षियों के शिकार पर पूरी तरह से पाबंदी है।

झील व नदी में दिनभर मछुआरों का डेरा होने से विदेशी मेहमान अप्रवासी पक्षियों की संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही है। तरह-तरह के इन देशी-विदेशी पक्षियों का मुख्य भोजन मछली झील से खत्म होती जा रही है।
वन क्षेत्राधिकारी रुदौली ओम प्रकाश का कहना है कि कई देशों में पारा शून्य से भी कम होने के कारण हर साल सर्दियों के मौसम में विदेशी पक्षियों के आने की शुरुआत हो जाती है। इसके चलते रुदौली के कई तालाबों और झीलों में विदेशी पक्षियों के झुंड देखे जाने लगे हैं जिनकी बराबर निगरानी की जा रही है।

Times Todays News

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