आत्मनिर्भर भारत  के लिए पशु संसाधनों की भूमिका पर  चर्चा आत्मनिर्भर भारत  के लिए पशु संसाधनों की भूमिका पर  चर्चा
अयोध्या : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशु पालन महाविद्यालय द्वारा शनिवार को एक दिवसीय बेविनार... आत्मनिर्भर भारत  के लिए पशु संसाधनों की भूमिका पर  चर्चा

अयोध्या : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशु पालन महाविद्यालय द्वारा शनिवार को एक दिवसीय बेविनार का आयोजन आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में पशु संसाधनों की भूमिका विषय पर आयोजित किया गया। इस बेविनार का शुभारंभ करते हुए आयोजन के मुख्य संरक्षक तथा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा कि देश के विकास में कृषि छेत्र की भूमिका के महत्व के साथ पशुपालन की भूमिका की अनदेखी नही की जा सकती है।कुलपति ने कहा कि भारत में ग्रमीण परिवेश के एक बड़ा छेत्र अपने पास उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से पशुपालन से जुड़ा है,परन्तु ऐसे पशुपालकों तक नवीनतम तकनीकों व विभिन्न प्रजातियों के विकसित पशुओं की जानकारी पहुंचाकर पशुपालन को ग्रामीण आधारित सबसे लाभकारी उद्यम में बदला जा सकता है। कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि हमारे पास तकनीक है,किस्में हैं व नए नए शोध परिणाम हैं अब चुनौती यह है कि इसे हम पशुपालकों तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि यदि हम इन सम्भावनाओं को धरातल पर ला सके तो वर्तमान पशुपालक ही नही इस व्यवसाय को न करने वाले ग्रामीण नौजवान, बेरोजगार युवा तथा कृषक पशुपालन को लाभकारी व्यवसाय के रूप में अपनाने को प्रेरित होंगे,जिससे देश के आर्थिक विकास में पशुपालन छेत्र के योगदान की भूमिका को बढ़ाया जा सकता है। इससे पूर्व बेविनार का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ।बेविनार में भाग ले रहे अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संरक्षक व अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय डॉ हरनाम सिंह ने किया। बेविनार के आयोजन सचिव डॉ एस के मौर्य ने बेविनार की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में पशु विज्ञान के उप महानिदेशक डॉ बी एन त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत सरकार निरन्तर लाभकारी पशुपालन व कृषकों को इस ओर आकर्षित करने के लिए बड़े प्रयोग कर रही है और बड़ी मात्रा में वित्तीय सहयोग प्रदान करने के लिये निरन्तर प्रयासरत है,अब आवश्यकता लोगों को वैज्ञानिक तकनीकी के आधार पर पशुपालन छेत्र की ओर आकर्षित करने की है।बेविनार में दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ डॉ एस के गर्ग, गोविंद वल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर के प्राध्यापक डॉ  आर एस चौहान, दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा के वर्तमान कुलपति डॉ डॉ जी के सिंह ने महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। बेविनार के पैनलिस्ट के रूप में पशुचिकित्सा महाविद्यालय की डॉ नमिता जोशी,डॉ डी नियोगी, डॉ जसवंत सिंह व डॉ सत्यब्रत सिंह ने मुख्य भूमिका का निर्वहन किया। बेविनार के समापन पर पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रो आर के जोशी ने ज्ञापित किया।

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