

गन्ना पर्चियां केवल एस.एम.एस. से
अयोध्याजिले November 10, 2020 Times Todays News 0

जमीर अहमद
भेलसर।
वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 में गन्ना पर्चियां केवल एस.एम.एस. पर्ची के रुप में गन्ना किसानों के ईआरपी में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजी जाएंगी। इसकी जानकारी होते ही उन गन्ना किसानों धड़कने बढ़ गई हैं जिनके पास न तो मोबाइल है और वे न तो मोबाइल चलाना ही जानते हैं। ऐसे किसानों की गांवों में संख्या लगभग 50 प्रतिशत है।
प्रदेश के आयुक्त, संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि वर्तमान पेराई सत्र में कृषकों को गन्ना पर्चियां केवल एस.एम.एस. पर्ची के रुप में मोबाइल फोन पर प्रेषित की जाएंगी तथा क्रयकेन्द्रों पर प्रतिदिन होने वाली तौल की एक्नॉलेजमेन्ट शीट भी चस्पा की जाएगी, जिसके माध्यम से भी कृषक अपनी पर्ची के विषय में जान सकेंगे। इसलिए ई.आर.पी. (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) पर गन्ना कृषकों का सही मोबाइल नंबर पंजीकृत होना चाहिए। ये भी कहा गया है कि गन्ना कृषक ईआरपी पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर को चैक कर लें यदि गलत है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से अथवा E-ganna एप्प के माध्यम से सवयं अपना सही मोबाइल नंबर अपडेट कर लें। साथ ही ये कहा गया है कि एस.एम.एस. इनबाक्स भरा होने या मोबाइल स्विच ऑफ होने एवं डी.एन.डी. एक्टिवेट होने की स्थिति में एस.एम.एस. पर्ची का संदेश 24 घंटे के पश्चात स्वयं निरस्त हो जाता है, जिसके कारण किसानों को अपनी एस.एम.एस. पर्ची की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकेगी। गन्ना किसान समय अपनी पर्ची प्राप्त करने हेतु अपना मोबाइल इनबाक्स खाली रखें तथा मोबाइल को चार्ज करके चालू दशा में ही रखें तथा डी.एन.डी. को एक्टिवेट न करें ताकि सर्वर द्वारा प्रेषित पर्ची उनके मोबाइल पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो जाए। पर्ची निर्गमन की वर्तमान व्यवस्था पूर्णतयाः पारदर्शी है। किसान के मोबाइल नंबर पर एस.एम.एस. पर्ची भेजे जाने से किसान को तत्काल पर्ची प्राप्त होगी और समय से पर्ची मिल जाने के कारण ताजा गन्ना मिल को आपूर्ति होगा जिससे किसान गन्ने की सूख से होने वाली हानि से भी बचेंगे। गन्ना किसानों को मोबाइल पर एसएमएस पर्ची देने की शुरुआत पिछले वर्ष से हुई थी, लेकिन तब मैनुअल पर्चियां भी जारी हुई थीं। वर्तमान पेराई सत्र में शत प्रतिशत गन्ना पर्चियां एसएमएस से मिलेंगी। जिससे कोविड-19 के प्रसार को भी प्रभावी ढंग से भी रोका जा सकेगा। इसके लिए जिला गन्ना अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वह इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों के सही मोबाइल नंबर अपडेट कराना सुनिश्चित करें ताकि कृषकों को गन्ना आपूर्ति में कोई असुविधा न हो।
…छलका किसानों का दर्द :
…पहले गन्ना पर्ची मौके पर न मिलने से दूसरे की पर्ची लेकर गन्ना की तौल करा देते थे। मेरे पास न तो मोबाइल फोन है और न ही हमें मोबाइल चलाना ही आता है।
शिव पूजन- ग्राम बरई
…हमारे परिवार में कोई इतना शिक्षित नहीं है जो मोबाइल चला सके। अब एक ही रास्ता बचा है कि गन्ना बिचौलिए के हाथ औनेपौने दामों में बेचना पड़ेगा।
रोहित सिंह-ग्राम उधरौरा
…दूसरे के हाथों में मोबाइल तो देखा है लेकिन कभी उससे मैंने बात नहीं की है। और न ही हमारे पास मोबाइल है। जब मोबाइल चलाना ही नहीं आता तो खरीदने से क्या फायदा है। हमारे गांव में बिजली भी नहीं रहती है।
विकास सिंह-ग्राम पस्ता माफ़ी
…इतनी झंझट करने से अच्छा है अपना गन्ना क्रेशर पर ही बेंच दे। भले ही रेट कम मिले लेकिन क्रेशर पर गन्ना का मूल्य नगद मिल जाएगा। जिससे अगली फसल की बोवाई करने में कोई परेशानी भी नहीं होगी।
मोहम्मद शमीम-ग्राम पस्तामाफी
…गांवों के गन्ना किसानों का मोबाइल नंबर अपडेट कराया गया है। जिनके नहीं हुए हैं उनके नंबर अपडेट करने के लिए गांवों में मिल कर्मियों को लगाया गया है। जिनके नहीं हुए हैं वो सोसायटी में जाकर अपडेट करा सकते है। अभी ये प्रक्रिया चल रही है।
रामइकबाल सिंह- महाप्रबंधक (गन्ना) रौजागांव चीनी मिल
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