BJP ने बचाया मणिपुर का किला BJP ने बचाया मणिपुर का किला
मणिपुर में बीजेपी सरकार पर छाया संकट टल गया है। नाराज होकर बीजेपी की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सहयोगी दल एनपीपी के... BJP ने बचाया मणिपुर का किला

मणिपुर में बीजेपी सरकार पर छाया संकट टल गया है। नाराज होकर बीजेपी की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सहयोगी दल एनपीपी के चारो विधायक मान गए हैं। असम के मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की पहल के बाद दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के निवास पर बुधवार की शाम हुई बैठक के बाद आखिरकार ये मामला सुलझ ही गया। सियासी तिकड़मों के दौर को समझने के लिए उस दौर में चलना होगा जब कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री थे। इबोबी सिंह की कैबिनेट में सबसे विश्वस्त मंत्रियों में एन बीरेन सिंह थे, जो इस वक्त मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं। लेकिन साल 2016 में बीरेन सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। ठीक एक साल बाद वर्ष 2017 में मणिपुर विधानसभा की साठ सीटों के लिए चुनाव हुए। बहुमत के लिए 31 सीटों की जरूरत थी। कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा के खाते में आए 21 सीट। जिसके बाद बीजेपी ने नेशनल पिपुल्स पार्टी की और  नागा पीपुल्स पार्ची की चार-चार सीटें, लोकजनशक्ति पार्टी, तृणमूल और निर्दलीय को साथ लेकर बहुमत हासिल कर लिया। मौजूदा वक्त में मणिपुर में विधानसभा की सीटें हैं 59 क्योंकि कांग्रेस के विधायक टी श्यामकुमार बीजेपी में आकर मंत्री भी बन गए। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें मंत्री पद से हटाया गया और दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए। फिर सात कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल हुए। 9 जून 2020 को मणिपुर हाई कोर्ट ने इन सातों को विधानसभा आने पर पाबंदी लगा दी। दल-बदल कानून के तहत उन पर फैसला होना बाकी है। जिसके बाद विधानसभा सीटों की कुल संख्या में से इन सात विधायकों को घटाने के बाद फिलहाल 52 सीटें बचती हैं। मेघालय के मुख्यमंत्री और मणिपुर पिपुल्स पार्टी के मुखिया कनराड संगमा और मणिपुर सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे जॉयकुमार के नेतृत्व में पार्टी की प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग अमित शाह के साथ हुई। राजनीति के कई गुणा-भाग और पैतरों के माहिर चाणक्य संग मुलाकार के बादआखिरकार सभी की सारी नाराजगी दूर हुई। जिसके बाद सहयोगी विधायकों ने फिर से भाजपा सरकार को समर्थन देने की बात कही। जिसके साथ ही पूर्वोत्तर के मामलों में हेमंत विश्व शर्मा फिर से भारतीय जनता पार्टी के संकटमोचन साबित हुई। नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलांस के अध्यक्ष हेमंत शर्मा ने मीटिंग सफल होने की जानकारी ट्वीट करके दी। 

Times Todays News

No comments so far.

Be first to leave comment below.

Your email address will not be published. Required fields are marked *