जुबेरगंज पशु हाट बंद होने से  रोजी-रोटी का संकट जुबेरगंज पशु हाट बंद होने से  रोजी-रोटी का संकट
सोहावल अयोध्या/ जनपद के सोहवल क्षेत्र में नेशनल हाइवे के किनारे स्थित भैंस मवेशियों की खरीद फरोख्त के लिए स्थित जुबेरगंज पशु हाट कोरोना... जुबेरगंज पशु हाट बंद होने से  रोजी-रोटी का संकट

सोहावल अयोध्या/ जनपद के सोहवल क्षेत्र में नेशनल हाइवे के किनारे स्थित भैंस मवेशियों की खरीद फरोख्त के लिए स्थित जुबेरगंज पशु हाट कोरोना काल की वजह से अब तक बंद पड़ी है।पशु बाजार में करीब सात महीने से सन्नाटा पसरा हुआ है।जिसकी वजह से बाजार में व्यापारिक कार्य से जुड़े सैकड़ो लोग बेरोगार है.इन सबके सामने रोजी-रोटी का गहरा संकट खड़ा हो गया है.इस बाजारबन्दी की वजह से क्षेत्र के किसानों और बेरोजगारों में गहरा असंतोष व्याप्त है.

कोरोना महामारी के मद्देनजर लगे लॉक डाउन की वजह से सोहावल क्षेत्र की पशु हाट जुबेरगंज करीब सात माह से बंद है.जिसकी वजह से दुधारू नश्ल की भैंस मवेशियों की खरीददारी और बिक्री बंद है. माह के प्रत्येक रविवार को लगने वाली पशु बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है.जबकि इस बाजार में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पहुंचने वाले व्यापारी सहित क्षेत्रीय किसान भी अपनी दुधारू भैंस मवेशियों की खरीददरी और बिक्री करते है. लेकिन प्रदेश भर में अनलॉक पांच में बड़ी ढील दी गई और दुकान,बाजार शॉपिंग मॉल तक खोलने की अनुमति मिलते ही गांव देहात से लेकर शहरों में भी लॉक डाउन की वजह से फैला सन्नाटा खत्म हो चुका है। लेकिन जुबेरगंज पशु बाजार खोलने की अनुमति जिला प्रशासन नही दे रहा है. जिसकी वजह से लोंगो में गहरा असंतोष व्याप्त है.वैसे तो इस बाजार में शनिवार से ही बाहर के व्यापारियों के पहुंचने से रौनक आ जाती है. लेकिन इस समय भैंस बाजार से भोजन के ढ़ाबे और चाय-पान होटल चलाने वाले युवा व साइकिल, मोटर साइकिल के स्टैंड, रस्सी पगहा,झुनझुना बेंचने के साथ पुआल और भूसा बेंचने से लेकर फल और चाट समोसे, गोलगप्पे बेंच कर जीवन यापन करने वाले युवा और दुकानदारों के सामने रोजी -रोटी का गहरा संकट खड़ा हो गया है. तो वहीं बाजार में देखरेख करने वालों से लेकर मवेशियों को लादकर दूसरे गंतव्य तक पहुंचाने वाले क्षेत्रीय पिकप,ट्रक,डीसीएम वाहन चालकों का भी बुरा हाल है।

जबकि पशु बाजार के संचालक हाजी सरफराज खान का कहना है कि जिला प्रशासन से अनुमति नही मिलने की वजह से बाजार बंद है। बाजार खुलने की अनुमति मिलने से पहले जैसा रोजगार के अवसर लोंगो के लिए खुल जाएगा और लोंगो की जीवन शैली पटरी पर आ जाएगी.

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