बिजली की अघोषित कटौती से जनजीवन त्रस्त बिजली की अघोषित कटौती से जनजीवन त्रस्त
परशुराम वर्मा रुधौली बस्ती। इस वर्ष समय से पूर्व जून माह में मानसून का दस्तक देना जहां किसानो के लिए खुशियां लेकर आया तो... बिजली की अघोषित कटौती से जनजीवन त्रस्त

परशुराम वर्मा

रुधौली बस्ती। इस वर्ष समय से पूर्व जून माह में मानसून का दस्तक देना जहां किसानो के लिए खुशियां लेकर आया तो वहीँ आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऊपर से विद्युत विभाग द्वारा बिजली की अघोषित कटौती आम जनमानस पर भारी पड़ रहा है। बिजली आने जाने का कोई समय ही नहीं है जब चाहा दिया और जब चाहा काट दिया।        बताते चले कि रुधौली को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद रुधौली विद्युत उप केंद्र को दो हिस्सों में बाँट दिया गया। नगर क्षेत्र के नागरिको के लिए एक अलग सब स्टेशन स्थापित किया गया वहीँ पुराने केंद्र से ग्रामीण क्षेत्रो को बिजली दिया जाना प्रारम्भ हुआ। 1960 के दशक का स्थापित इस केंद्र के उन्ही जर्जर तारो के सहारे ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली सप्लाई दी जा रही है जबकि तब से लेकर अब तक हजारो गुना उपभोक्ता बढे जिसके कारण आये दिन बिजली खराब होती रहती है।  शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रो को 18 घंटे बिजली देने का वादा किया गया था किन्तु गर्मी के इस मौसम में  भी 10 से 12 घंटे ही सप्लाई मिल पाती है। उसमे बिजली का बार बार कटना और देर तक न आना घाव पर नमक छिड़कने के समान है। राधेश्याम ने बताया कि रात के समय तो बिजली कुछ देर ठहरती है किन्तु दिन में तो जीना मुहाल हो जाता है। सुरेन्द्र कुमार का कहना है कि विद्युत कर्मियो की मनमानी से हर नागरिक परेशान है, जिस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है ना अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधि।आनन्द कुमार का कहना है कि बिजली वर्तमान समय की जरूरत बन गयी है। प्रधान मंत्री द्वारा सभी योजनाओ का डिजिटलीकरण किया गया है जिसके लिए बिजली का मायने और भी बढ़ जाता है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रो में भी बिजली अत्यंत आवश्यक हो चुका है। डिजिटल इण्डिया बनाने के लिए अब गाँवों में भी बैंको की शाखाएं सीएसपी, कॉमन सर्विस सेंटर, खोले जा चुके है तथा इनमे लगाए गए समस्त उपकरण के लिए बिजली की ही जरूरत होती है। लेकिन दिन में बिजली मिलना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। क्षेत्र के दिलीप कुमार, राघव, शिव शंकर आदि का कहना है कि सरकार ने मुफ़्त कनेक्शन के नाम पर मिट्टी के तेल को भी बन्द कर दिया जो गरीबो के घरो में उजाला का एक मात्र साधन था। बिजली की इस गंभीर समस्या के सम्बन्ध में अवर अभियन्ता अखिलेश यादव ने बताया कि तार बहुत पुराने हो चुके है। बरसात के मौसम में पेड़ो की डालियाँ से तार लगने के कारण भी बिजली ट्रिप करती है। वही केंद्र में लगे सप्लाई पैनल काफी पुराने हो चुके है जिसे बदले जाने की जरूरत है। एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि डिमाण्ड भेजा गया है आने के बाद जर्जर तारो को बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली का रोस्टर ग्रिड संचालक ही तय करते है हमारी कोशिश होती है कि हमें जितनी सप्लाई मिलती है उसे अपने उपभोक्ताओं तक पहुचाये। उन्होंने माना कि वर्तमान में मानक से कुछ कम सप्लाई आ रही है। जिसे ठीक करवाने का प्रयास किया जा रहा है।

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