भक्ति भाव से अविभूत हुए श्रद्धालु भक्ति भाव से अविभूत हुए श्रद्धालु
अंजनी पांडेय संगीत मय रामकथा के दूसरे दिन भरत जी के चरित्र पर कथाक्रम को आगे बढ़ाते हुए व्यास पीठाधीश्वर पंडित अमरनाथ पांडे ने... भक्ति भाव से अविभूत हुए श्रद्धालु

अंजनी पांडेय

संगीत मय रामकथा के दूसरे दिन भरत जी के चरित्र पर कथाक्रम को आगे बढ़ाते हुए व्यास पीठाधीश्वर पंडित अमरनाथ पांडे ने गोश्वामी तुलसीदास जी के राम चरित मानस के सन्दर्भ को अपनी सरल व सहज भावाभिव्यक्ति से उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया । योगिराज भरत के चरित्र के द्वारा गोश्वामी जी ने रामचरित मानस मे परिवार व समाज के लिए जो भाव प्रस्तुत किए हैं उसकी व्याख्या विभिन्न दृष्टांतों के द्वारा करते हुए वर्तमान समय मे हमारे लिए कितना अनुकरणीय व प्रासंगिक हैं की विवेचना व्यास द्वारा बड़े ही सहज भाव से किया गया । अयोध्या से भरत की यात्रा का बर्णन श्रृंगवेरपुर के गंगा तट पर रामघाट तक के कथा प्रसंगों मे निषादराज का लक्ष्मण के साथ के गुरु शिष्य भाव को भरत और राम के अनूठे भातृत्व प्रेम का मार्मिक विष्लेषण सभी को प्रभावित कर गया ।व्यास जी के कुल गुरु वशिष्ठ पीठाधीश्वर महंत श्री गिरीश पति त्रिपाठी के आशिर्वाद सम्वोधन तथा अयोध्या के संत मिथिला विहारी दास के द्वारा प्रस्तुत संकीर्तन व भजन ने सभी को सम्मोहित कर दिया । बड़ी संख्या मे भक्त व श्रद्धालुओं तथा विशिष्ट जनो की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।

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