झोलाछाप चिकित्सक के भरोसे मरीज झोलाछाप चिकित्सक के भरोसे मरीज
ज़मीर अहमद भेलसर। कहने को तो नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदेश ही नहीं केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में भी शामिल है। लेकिन रुदौली नगर... झोलाछाप चिकित्सक के भरोसे मरीज

ज़मीर अहमद

भेलसर। कहने को तो नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदेश ही नहीं केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में भी शामिल है। लेकिन रुदौली नगर वासियों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि शहरी दर्जा मिलने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद हैं। अगर आप बीमार हैं तो आपको तीन किलोमीटर दूर खैरनपुर गांव में ही सरकारी स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। स्वस्थ्य विभाग के आला अधिकरियों की माने तो 15 से 25 हजार की जनसंख्या वाले क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 25 से 60 हजार की आबादी वाले क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एक लाख से ऊपर वाले क्षेत्र में सिविल अस्पताल का दर्जा दिया जाता है । लेकिन आश्चर्य की बात है कि रुदौली नगर पालिका की आबादी लगभग एक लाख है। स्वास्थ्य सुविधा के मामले में गांव से भी बदतर है। हालत ये है कि नगरपालिका क्षेत्र में एक भी सरकारी अस्पताल नहीं है। मरीजों को उपचार के लिए झोलाछाप चिकित्सक की शरण में जाना पड़ता है। सरकारी सुविधा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खैरनपुर गांव जाना पड़ता है। तीन दशक पूर्व नगर के मोहल्ला कटरा में प्राथमिक स्वास्थ्य संचालित हो रहा था लेकिन अस्पताल जर्जर होने के बाद उसे बंद कर दिया गया। जबकि बंद पड़े अस्पताल की भूमि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण बड़ी आसानी से हो सकता था जिस पर जनप्रतिनिधियों ने ध्यान ही नहीं दिया।मरीजों को उपचार के लिए उस समय सबसे बड़ी परेशानी होती है जब रात में कोई चिकित्सक भी नहीं मिलता है। जिन्हें उपचार के लिए रात में तीन किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरनपुर गांव जाने के लिए रात में कोई साधन भी नहीं मिलता है। भगवान भरोसे
ही रात काटनी पड़ती है। यहां की जनता स्वास्थ्य सुविधा की पीड़ा से जूझ रहे हैं परंतु जिम्मेदार मौन साधे बैठे हैं। नगर के निवासी सतींद्र प्रकाश शास्त्री कहते हैं कि विडंबना यह है कि इतनी बड़ी आबादी के क्षेत्र में सरकारी सुविधा तो नदारद है। कोई स्वयं सेवी अथवा जनप्रतिनिधि भी आगे नहीं आया जो कुछ कर सके। नगर के ही निवासी प्रेम प्रकाश गुप्त बताते हैं कि सरकारी दावे भले ही बड़े-बड़े किए जा रहे हो, लेकिन हकीकत यह है कि रुदौली में अभी भी समुचित स्वास्थ्य सुविधा नदारद है।नगर के ही अहमद सलीम कहते हैं कि सरकारी व्यवस्था स्वयं बीमार है। अगर सरकारी सुविधाओं पर नजर डालें तो एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं है। जबकि शासन प्रशासन को यहां वृहद रुप से स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। नगर के ही अजय कुमार गुप्ता कहते हैं कि नगर में स्थित प्राइवेट अस्पताल में रात्रि सेवा की कोई गारंटी नहीं है। चिकित्सक अपने घर चले जाते हैं। रात्रि को स्वास्थ्य खराब हो जाने पर अस्पताल आते हैं तो डॉक्टर या स्टाफ मिलने की कोई गारंटी नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरनपुर रुदौली-अधीक्षक पीके गुप्ता ने बताया नगर का जर्जर अस्पताल को महिला अस्पताल बनाने के लिए विधायक रामचंद्र यादव ने शासन को दो प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर बंद पड़े जर्जर प्राथमिक स्वास्थ्य के स्थान पर महिला अस्पताल बनेगा। क्योंकि सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। जनता की मांग पर सीएचसी से एक चिकित्सक को प्रतिदिन भेजा जाता है। जिससे नगर के मरीजों को स्वास्थ केंद सुविधा मिल सके।

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