पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम हेतु उड़न दस्तों का गठन पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम हेतु उड़न दस्तों का गठन
अयोध्या 16 अक्टूबर 2020 (सूवि)ः-जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने बताया कि किसानों द्वारा पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम हेतु उड़न... पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम हेतु उड़न दस्तों का गठन

अयोध्या 16 अक्टूबर 2020 (सूवि)ः-जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने बताया कि किसानों द्वारा पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम हेतु उड़न दस्तों का गठन कर दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि फसल अवशेष पराली को जलाए जाने की घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रत्येक विकास खंड व तहसील स्तर पर उड़न दस्ता गठित करने के निर्देश शासन द्वारा दिए गए हैं। मुख्य सचिव के उक्त निर्देशों के अनुपालन में जनपद अयोध्या के तहसील-वार उड़न दस्तों का गठन कर दिया गया है। तहसील स्तरीय सचल दस्ता में तहसीलदार, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी तथा संबंधित तहसील मुख्यालय में थानाध्यक्ष होंगे जिसके परिवेक्षण उप जिलाधिकारी करेंगे तथा विकासखंड स्तरीय सचल दस्ता में नायब तहसीलदार, कानूनगो, सहायक विकास अधिकारी कृषि व थानाध्यक्ष होंगे, जिसका पर्यवेक्षण खंड विकास अधिकारी करेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि प्रत्येक तहसील एवं विकास खंड के समस्त लेखपाल, कृर्षि विभाग के क्षेत्रीय कार्मिक एवं ग्राम प्रधानों को सम्मिलित करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाऐ तथा उस क्षेत्र में कहीं भी फसल अवशेष जलाए जाने की घटना होने पर अथवा घटना मिलने पर संबंधित लेखपाल व ग्राम प्रधान व्हाट्सएप ग्रुप एवं दूरभाष के माध्यम से संबंधित तहसील व विकास खंड स्तर पर गठित उड़न दस्ते को तत्काल इसकी सूचना देंगे। पराली व कृषि अपशिष्ट जलाए जाने की घटना की पुष्टि होने पर संबंधित कृषक को दंडित करने के संबंध में राजस्व अनुभाग-10 के शासनादेश 13 नवंबर 2017 के द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली एवं पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदंड लगाए जाने के संबंध में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक गांव में ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी दशा में उनके क्षेत्र में पराली व फसल अवशेष जलाया न जाऐ। किसी भी क्षेत्र में कृषि अवशेष जलाने की घटना प्रकाश में आने पर संबंधित लेखपाल जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा सुनिश्चित किया जाए कि फसल कटाई के दौरान प्रयोग किए जाने वाली कंबाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर एक्स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा रेक एवं बेलर अथवा मल्चर/पैडी स्ट्रॉ चॉपर/श्रबमास्टर/रोस्टर स्लेशर/रिवर्सिबल एमबी पलाउ का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए तथा ऐसा न करने पर संबंधित कंबाइन हार्वेस्टर को जप्त कर लिया जाए। सहायक विकास अधिकारी कृषि व कृषि रक्षा द्वारा खंड विकास अधिकारी तथा सहायक विकास अधिकारी पंचायत के माध्यम से ग्राम प्रधानों से समन्वय करके प्रत्येक ग्राम पंचायत की खुली बैठक आयोजित करा कर फसल अवशेष प्रबंधन के उपायों, फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्र व उन पर अनुमन्य अनुदान तथा पराली जलाने पर माननीय राष्ट्रीय हरित अभिकरण द्वारा निर्धारित दंडात्मक प्रावधानों पर चर्चा करके कृषकों को पराली जलाने के स्थान पर फसल अवशेष के लाभकारी उपयोग के उपायों को अपनाने हेतु प्रेरित किया जाए तथा कार्यवाही की सूचना जिला कृषि अधिकारी को प्रेषित किया जाये।

Times Todays News

No comments so far.

Be first to leave comment below.

Your email address will not be published. Required fields are marked *