सत्ता तो सुअवसर देख रोटी सेंक लेती है….. सत्ता तो सुअवसर देख रोटी सेंक लेती है…..
सत्ता तो सुअवसर देखरोटी सेंक लेती हैवोटों की अगर चाहतये चारा फेंक देती हैभूखों मर रहे लोगों कोतड़पा मार देती हैगिद्धों को जिला मन... सत्ता तो सुअवसर देख रोटी सेंक लेती है…..

सत्ता तो सुअवसर देख
रोटी सेंक लेती है
वोटों की अगर चाहत
ये चारा फेंक देती है
भूखों मर रहे लोगों को
तड़पा मार देती है
गिद्धों को जिला मन में
ये टुकड़े डाल देती है
इसकी तासीर तेजाबी
जलाकर खाक करती है
गुंडों को मसीहा कह
खुद से माफ करती है
खादी की सफेदी में
काले काम करती है
सड़क की गिट्टियां बिकवा
इमारत नाम करती है
चुनावों की बजे घण्टी तो
जनता तक पहुंचती है
चौराहों पे माइक ले
सिंहों सी गरजती है
शिक्षक हों या हो कोई
गोया चुप्प रहती है
मरे कोई तो मर जाये
ये बिल्कुल घुप्प रहती है
जिन्हें तड़पा के मारे ये
उसे सहला भी मारी है
शास्त्री औ अटल बिन अब
सियासत एक बीमारी है।
-उदयराज मिश्र

Times Todays News

No comments so far.

Be first to leave comment below.

Your email address will not be published. Required fields are marked *