…आग दरिया में लगाऊ तो लगाऊ कैसे …आग दरिया में लगाऊ तो लगाऊ कैसे
राज की बात भला उसको बताऊ कैसे.दिल के अरमान छुपाऊ तो छुपाऊ कैसे. मैं किनारो से यही बात किया करता हूँ.आग दरिया में लगाऊ... …आग दरिया में लगाऊ तो लगाऊ कैसे

राज की बात भला उसको बताऊ कैसे.
दिल के अरमान छुपाऊ तो छुपाऊ कैसे.

मैं किनारो से यही बात किया करता हूँ.
आग दरिया में लगाऊ तो लगाऊ कैसे.

कोई दीवार-ओ-दर नहीं न अब कोई पर्दा.
आबरू-ए-इस्क बचाऊ तो बचाऊ कैसे.

लूटने वाले ही सरकार बने बैठे है.
हक गरीबो का दिलाऊ तो दिलाऊ कैसे.

कोई सुनता नहीं किसी का भी दर्द-ए-बया.
मुंसिफ़ों को ये सुनाऊ तो सुनाऊ कैसे.

मदद के नाम पर ‘प्रदीप’ छपती हर खबर जो.
वो सियासत है ,ये समझाऊ तो समझाऊ कैसे .

प्रदीप कुमार तिवारी

Times Todays

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