

प्रत्याहार
अम्बेडकर नगरजिलेसाहित्य जगत September 26, 2020 Times Todays News 0

–: प्रत्याहार:–
प्रत्याहार का अर्थ है, सुगम समझ मन लाय।
ग्रहण करना आहार है, प्रत्याहार उगलाय।
धारणा ध्यान समाधि, का प्रत्याहार आधार।
मानव मन में रहत है, कलुषित दूषित संस्कार।
उचित को संग राखिए, कर दूषित अस्वीकार।
कलुष छोड़ना यदि कठिन, गुरु की शरण में जाय।
मन को गुरु निर्मल करे, समाधान मिल जाय।
मल मूत्र व नाक का, नित करते प्रत्याहार।
प्रस्वेद व रज वीर्य संग त्याग करें कुविचार।
साधना जगत में यह क्रिया, योग पथ आधार।
उगल दिया जिस घृड़ित वस्तु को, ग्रहण योग्य न रह जाय।
थूकन को चाटे नहीं, यह सिद्धांत अपनाय।
दुर्गुण पाप दुष्कर्म से, पूर्ण घृणा हो जाय।
कल्मष का शोधन किया, ज्यों घर पवित्र हो जाय।
स्वच्छ सुंदर घर बने, मन को जो अति भाय।
मैं पवित्र से पावन बना, ऐसो अनुभव आय।
कर पाए यह जो साधना, प्रत्याहार सफल हो जाय।
डॉ. बलराम त्रिपाठी
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