हिन्दी महात्म्य हिन्दी महात्म्य
हिन्दी हिन्दुस्तान की भाषा वैज्ञानिक इसकी परिभाषासंस्कृत की सन्तान निराली जुड़ी इसी से सबकी आशा।वैदिक लौकिक पालि प्राकृत अपभ्रंश का बदला रूपसगी.सहोदर है उर्दू... हिन्दी महात्म्य


हिन्दी हिन्दुस्तान की भाषा वैज्ञानिक इसकी परिभाषा
संस्कृत की सन्तान निराली जुड़ी इसी से सबकी आशा।
वैदिक लौकिक पालि प्राकृत अपभ्रंश का बदला रूप
सगी.सहोदर है उर्दू की इसमें बहुत सी छाया.धूप
कहीं खड़ी ब्रजी बुन्देली छत्तीसगढ़ी बघेली अवधी
मगही भोजपुरी की मृदुता लगती लड्डू और बतासा।
स्वर अनुस्वार विसर्ग व्यंजन का इसमें है पूरित भण्डार
क्रमागत नासिक्य कण्ठ्य मूर्धा तालू दन्त्योष्ठ्य विकार
अन्तस्थ अघोष ऊष्म संघर्षी घोष ऊष्म केसंग जुड़वाक्क्षर
अल्पप्राण कुछ महाप्राण हैं अर्धाक्षर से तृप्त हो प्यासा।
इसी से जन्मी बहुत सी बोली लिपि अनेक प्रारूप भिन्न
एक डीएनए जगवाणी का कभी न होना किसी से खिन्न
हे भारत की राजभवानी जन.जन के भावों की रानी
वन्दन.नमन शयन.जागरण तुम्हीं से पूरित जन.प्रत्याशा।।

रचनाकार

डा. मनीराम वर्मा
टाण्डा अम्बेडकरनगर
मो0.9450491402

Times Todays News

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