

शिक्षक सब का भाग्य विधाता
अम्बेडकर नगरअयोध्याजिले September 5, 2020 Times Todays News 0

–: प्रकृति का हर रूप शिक्षक:–
शिक्षक सब का भाग्य विधाता।
उसके बिना न ज्ञान हो पाता।
ज्ञान जगत में कुछ भी होता।
शिक्षक बिना प्राप्त नहि होता।
जगत का हर मानव है शिक्षक।
शिक्षा देता बन उत्प्रेरक।
दृश्य सभी जो नजर में आवे।
मौन प्रेरणा देकर जावे।
पर्वत पठार नदियों से सीखे।
फल से युक्त वृक्षों से सीखे।
सागर के लहरों से सीखे।
दामिनी संग बादल से सीखे।
कलरव करती चिड़ियों से सीखे।
प्रकृति के जर्रे जर्रे से।
धरा के हर कण-कण से।
सीख हमें कुछ मिल जाती है।
अमूल्य प्रेरणा दी जाती है।
बलराम त्रिपाठी
9415460488
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