–: कुछ तो छूटेगा ही:– –: कुछ तो छूटेगा ही:–
चलते सदा जो दो से, कहते उसे हैं दुनिया। सुख दुख जीवन मरण से भरी पड़ी है दुनिया। एक पकड़ोगे, दूजा हाथ नहीं आएगा।... –: कुछ तो छूटेगा ही:–

चलते सदा जो दो से, कहते उसे हैं दुनिया।

सुख दुख जीवन मरण से भरी पड़ी है दुनिया।

एक पकड़ोगे, दूजा हाथ नहीं आएगा।

छूटना लाजमी है अपवाद न हो पाएगा।

योग प्राणायाम ने अखबार ले लिया।

दोनों को पकड़ा अल्पाहार ले लिया।

गले लगाया स्वाद हुआ स्वास्थ्य बर्बाद।

कुछ तो छूटेगा ही अपवाद ना हो पाएगा।

टूट गई शादी मोहब्बत चढ़ी परवान।

दोनों को संभाला तो विश्वसनीयता कुर्बान।

जाने की शीघ्रता में टूट गया सामान।

सामान संभाला ट्रेन हुई गतिमान।

कुछ तो छूटेगा ही अपवाद ना हो पाएगा।

औरो पर दिया ध्यान तो स्वयं का गया भान।

दोनों का लिया संज्ञान हो गया अभिमान।

पूरी खुशी जो जताई तो ईर्ष्या बहुत पाई।

दोनों को संभाला मिल गई तनहाई।

कुछ तो छूटेगा ही अपवाद ना हो पाएगा।

साधन सभी जुटाए दिन सुख भोगने को आए।

शरीर हुआ जर्जर रोग सिर पर चढ़ आये।

वियोग ही जीवन है संयोग दिखावा है।

छूटेगा एक दिन सब कुछ संसार भु लावा है।

बलराम त्रिपाठी
9415460488

Times Todays News

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