

गोरखपुर : भाजपा में घमासान, विधायक और सांसद रवि किशन आमने-सामने
गोरखपुरजिलेराज्य August 28, 2020 Times Todays News 0

गोरखपुर में भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल और शहर सांसद रवि किशन एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। दरअसल, विधायक ने जलभराव को लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के सहायक अभियंता केके सिंह को हटाने की मांग की है, वहीं सांसद रवि किशन ने प्रोजेक्ट पूरा होने तक उसे उसकी जगह पर बने रहने देने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिख दिया।डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सामने गोरखपुर के सांसद रवि किशन और नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने दुविधा पैदा कर दी कि वे दोनों में से किसकी बात मानें। अभी इस पर कार्रवाई होनी बाकी ही थी कि बीते रविवार को मामले में नया मोड़ आ गया।
सांसद रवि किशन ने उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सहायक अभियंता को हटाए जाने से सड़क का कार्य प्रभावित होने की बात कह दी। पत्र में उन्होंने लिखा कि सहायक अभियंता केके सिंह मेहनती, कर्मठ और दक्ष अभियंता हैं, ऐसे में उन्हें हटाए जाने से फोरलेन का कार्य प्रभावित हो जाएगा।
अभी यह मामला चल ही रहा था कि गुरुवार शाम को नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल के जातिवादी बोल भरा ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें नगर विधायक जाति विशेष के बारे में बात कर रहे हैं। एक विवाद के प्रसंग में भाजपा पदाधिकारी से कह रहे हैं कि छेड़खानी के मामले में ऐसी चिट्ठी बनवाइए ताकि जाति का पता आसानी से चल जाए। यह ऑडियो कब का है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।गोरखपुर शहर सांसद रवि किशन ने कहा कि विधायक लगातार भाजपा विरोधी कार्य कर रहे हैं। भाजपा से नफरत है तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए। नगर विधायक का वायरल ऑडियो सुना है। बड़ा दुख हुआ। पता चला कि नगर विधायक जातिवादी राजनीति कर रहे हैं। एक ऐसे संत, एक ऐसे मुख्यमंत्री और एक सरकार की पुलिस के बारे में गलत बयानी कर रहे हैं, जिसकी प्रशंसा देश, दुनिया कर रही है। अगर महराज जी (योगी) ब्राह्मण विरोधी होते तो मैं, गोरखपुर से सांसद नहीं रहता। राजनीति में रहकर ठाकुर, बनिया और ब्राह्मण की बात करना पाप है। नकारात्मक सोच की राजनीति की निंदा करता हूं। नगर विधायक को गोरखपुर की देवतुल्य जनता से माफी मांगनी चाहिए।वहीं ऑडियो को लेकर नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल ने कहा कि ऐसी किसी बातचीत का बिल्कुल स्मरण नहीं है। वैसे, मैं इस तरह की बातचीत करने का आदी भी नहीं हूं। जिस तरह जनता के सरोकारों को लेकर इस वक्त प्रशासनिक अफसरों से संघर्ष है, उसमें राजनीतिक एंगल पैदा हो रहे हैं। इस तरह के ऑडियो का वायरल होना रणनीति भी हो सकती है।बता दें कि इस ऑडियो के वारयल होने के बाद भाजपा ने संगठन व सरकार विरोधी माना है। साथ ही विधायक को नोटिस देकर सात दिन में जवाब-तलब किया है।
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