


नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर टकराव बढ़ रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया।सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि जब हम राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रहे थे और सोनिया अस्वस्थ थीं तो उस समय यह पत्र क्यों लिखा गया?सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो कुछ लिखा गया है उसपर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक था न कि मीडिया।नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है।सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की डिजिटल बैठक आरंभ होने के साथ पार्टी मुख्यालय के बाहर कई कार्यकर्ता जमा हो गए और उन्होंने कहा कि उन्हें गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष स्वीकार नहीं है।इन कार्यकर्ताओं का हाथों में तख्ती लेकर नारेबाजी करना इस बात का संकेत है कि नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर टकराव बढ़ रहा है। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के समर्थन में नारेबाजी की।एक कार्यकर्ता ने तख्ती ली हुई थी, जिस पर लिखा हुआ था कि ‘अगर गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष बना तो पार्टी टूट जाएगी।’ कार्यकर्ताओं ने ‘गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मंजूर नहीं’ के नारे भी लगाए।
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