

अधिकारों से ज्यादा कर्तव्यों का पालन करना होगा: डॉक्टर पूनम राय
अम्बेडकर नगरजिले August 14, 2020 Times Todays News 0


15 अगस्त सन 1947 को भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। तबसे हमारे देश में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय बैंक, पोस्ट ऑफिस आदि में अवकाश होता है। इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों और विद्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है। लगभग 200 वर्ष अंग्रेजों की गुलामी सहने के पश्चात हमारा देश 15 अगस्त को ही अंग्रेजो के दासता से मुक्त हुआ था। भारत को आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी। देश के वीरों के द्वारा कठिन संघर्ष के बाद भारत अंग्रेजों के हुकूमत से आजाद हुआ था।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में कहा है- “पराधीन सपनेहु सुख नाही” अर्थात पराधीनता में स्वप्न में भी सुख नहीं है, पराधीनता एक अभिशाप है। जब हमारा देश परतंत्र था उस समय विश्व में हमारी कोई इज्जत नहीं थी। ना हमारा राष्ट्रीय ध्वज था ना हमारा कोई संविधान था। आज हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हैं तथा पूरे विश्व में हमारी एक पहचान है। हमारा संविधान आज पूरे देश में एक मिसाल बना है जिसमें समस्त देशवासियों को समानता का अधिकार है, अनेकता में एकता निहित है । हमारा राष्ट्रीय ध्वज भी प्रेम, भाईचारे व एकता का प्रतीक है।
हमारी संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति है ।विश्व के ऐतिहासिक पटल पर अन्य देशों की संस्कृतियों का उदय हुआ और वे समय की धारा के साथ नष्ट होती गई ।यहां इकबाल की लिखी पंक्ति प्रासंगिक है-” यूनान मिस्र रोमा सब मिट गए जहां से, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी”।
संविधान के रचनाकार डॉ भीमराव आंबेडकर जी ने संविधान में भारत के प्रत्येक नागरिकों को विशेष अधिकार दिए हैं परिणाम स्वरूप जब से भारत आजाद हुआ है तभी से आर्थिक व तकनीकी रूप से संपन्नता की ऊंचाइयों तक पहुंचा है यह सब हमें भारत के उन वीरों की याद दिलाता है जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के नाम न्योछावर कर दिया। आज वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश पूरे विश्व में आशा की किरण बनकर आकाश में देदीप्यमान नक्षत्र की तरह चमक रहा है, यह सब आजाद भारत में ही संभव हुआ है। इसके लिए देश के शूर वीरों और आजादी के मतवाले बलिदानी वीरों का हमें सदैव आभार मानना चाहिए।
यह हमारा सौभाग्य है कि हमने भारत की पुण्य भूमि पर जन्म लिया और आजादी के सुंदर वातावरण में सांस लिया है तो हमारा कर्तव्य है कि हमें भारत को पहले के जैसे सोने की चिड़िया बनाना है ।प्रत्येक भारतीय को अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा तभी हमारा देश पूरे विश्व में एक महान शक्ति बनकर सामने आएगा और यही हम सबकी उन बलिदानी वीरों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
डॉक्टर पूनम राय(9451568867)
जिला संयोजिका बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, अंबेडकर नगर
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