

भारत की ऋतुएं न्यारी हैं
अम्बेडकर नगरजिलेसाहित्य जगत August 2, 2020 Times Todays News 0


भारत की ऋतुएं न्यारी हैं
साल के काल विभाजन को, ऋतु या मौसम हम कहते हैं।
रवि की प्रदक्षिणा जो धरा करे,
सो ऋतुओं के दर्शन होते हैं ।।
ऋतु अनुसारी प्रकृति छटा,
निज देश की कितनी न्यारी है।
ऋतुओं के विविध स्वरूपों से,
भू- लोक का गौरव भारत है ।।
ऋतु-जीवन रूपी फलकों में,
ऋतुराज प्रथम पर आता है।
जो काल-खंड है जरा रूप,
वह शिशिर काल कहलाता है।।
ऋतु-जीवन का द्वितीय फलक,
ऋतु ग्रीष्म पुकारा जाता है।
ऋतु-रानी इसके बाद चलीं,
शरद काल फिर आता है ।।
हेमन्त के आगमन होने से ,
जो खायें सो पच जाता है।
जो छठा रूप है मौसम का,
वह शिशिर काल कहलाता है।।
ऋतु बसन्त के आने से, यह धरा अलौकिक होती है।
बहु रंग-विरंगे पुष्पों से,
यह मही नवोढ़ा लगती है ।।
मनमोहक वातावरण लगे,
सुरभित पवन चहुँ ओर चले।
उन्मत्त रूप इस मौसम की,
मादकता अति तेज रहे।।
ऋतुराज की शोभा होली है ,
रंगों की चलती टोली है।
नव-पल्लव मंडित तरुओं पर,
मन हरती कोयल बोली है ।।
सुख की अंतिम सीमा ही,
दुख दारुण की भी सूचक है।
बसन्त बयार के थमते ही,
तपने की बारी आती है।।
प्रचण्ड भानु के आतप से ,
पथ बीच पथिक थक जाता है।
धूप से तपती धरती पर,
लू का प्रकोप बढ़ जाता है।।
दिनकर के आतप से राहत,
ऋतु रानी हमें दिलाती हैं ।
घन-गर्जन से जल वर्षण से,
झुलसे तरु खिल जाते हैं।।
पावस मनभावन आते ही,
केकी पग नृत्य बंध जाता है।
त्यौहार तीज अरु रक्षा बंधन,
इस ऋतु में अधिक सुहाता है।।
ऋतु-रानी पावस के जाते ही,
शुद्ध शरद ऋतु आती है।
सुबह घास पर ओस की बूंदें,
कितनी सुन्दर लगती हैं।।
इस शरद सुन्दरी के ऋतु में,
जीवन की ऊर्जा बढ़ती है।
पर्व दशहरा और दिवाली ,
शरद काल में मनती है।।
हेमन्त काल के आते ही ,
ठंड शुरू हो जाती है।
पर्यावरण की चारुता भी,
इस समय बहुत बढ़ जाती है।।
गेंदा-गुलाब के पुष्पों की,
कांति आलौकिक लगती है।
तितली,भौंरे अरु मधु-मक्खी,
रस चूषण को मंडराते हैं ।।
शिशिर काल है जरा काल,
ऋतु-जीवन रूपी फलकों में।
मानव,पशु-पक्षी अरु तरुवर,
उठते हैं कांप इसी ऋतु में।।
शिशिर काल में शीत लहर,
जब अपना प्रभाव दिखलातीहै।
दिन में भी दिनकर के दर्शन,
तब विरले दिन हो पाता है।।
बहु रूप यहाँ हैं ऋतुओं के,
सबके सब हितकारी हैं।
अखिल विश्व में इसीलिए,
निज देश की धरती न्यारी है।।
——सुरेश लाल श्रीवास्तव—–
प्रधानाचार्य , राजकीय इण्टर कालेज ,अकबरपुर, अम्बेडकरनगर , उत्तर प्रदेश
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