हरियाली और उत्साह का प्रतीक है सावन का महीना हरियाली और उत्साह का प्रतीक है सावन का महीना
 सावन माह भगवान शिव की आराधना का माह है। यह महीना पूरी तरह से भोलेनाथ श्री शिव जी को समर्पित रहता है। इस माह... हरियाली और उत्साह का प्रतीक है सावन का महीना

 सावन माह भगवान शिव की आराधना का माह है। यह महीना पूरी तरह से भोलेनाथ श्री शिव जी को समर्पित रहता है। इस माह में शिव जी की आराधना करने से मनुष्य को शुभ फल प्राप्त होते हैं। प्राकृतिक रूप से देखा जाए तो भारतीय वातावरण में इससे अच्छा कोई और मौसम नहीं बताया गया है। चारों ओर हरियाली ही हरियाली ।इसी महीने में धरती की प्यास पूर्ण रूप से तृप्त हो पाती है क्योंकि जेठ और वैशाख माह में सूर्य की तपन से झुलसी हुई धरती वर्षा ऋतु की शुरुआत होते ही आषाढ़ माह में थोड़ी राहत तो पाती है परंतु उसकी प्यास बुझती नहीं है ।सावन माह में ही पर्याप्त वर्षा होने के पश्चात उसकी तपन शांत होती है ।परिणाम स्वरूप चंहु ओर प्राकृतिक हरीतिमा के दर्शन होते हैं जिसे देखकर मानव मन प्रफुल्लित हो उठता है। ऐसे मनोहारी दृश्यों को देखकर उसका चित्रण राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने किया है ।

पुलक प्रकट करती है धरती हरित तीणों के नोकों से ।

मानो झूम रहे हैं तरु भी मंद पवन के झोंकों से।

आध्यात्मिक रूप से भी सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में खास तौर पर सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से शिव जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान शिव से सावन महीना प्रिय होने का कारण पूछा गया तो भगवान भोलेनाथ ने बताया कि भगवती पार्वती ने सावन महीने में निराहार रहकर कठोर व्रत का पालन किया और शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया जिसके बाद से ही यह महीना महादेव के लिए विशेष हो गया ।कुछ कथाओं में वर्णन आता है कि सावन माह में ही समुद्र का मंथन किया गया था ।मंथन के बाद जो विष निकला उसे भगवान शिव जी ने पीकर सृष्टि की रक्षा की थी। कहानी चाहे जो भी रही हो पर इतना तो कहा ही जा सकता है कि इस माह में देवाधिदेव भगवान शंकर की कृपा अपने भक्तों पर विशेष रूप से बरसती है 

डॉ. पूनम राय

 समाजसेविका

 जिला संयोजक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

 अंबेडकरनगर 

मोबाइल 9451568867

Times Todays News

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