बकरीद के त्योहार का है विशेष महत्व बकरीद के त्योहार का है विशेष महत्व
आशुतोष कुमार पांडेय बस्ती/ इस्लाम धर्म का पवित्र त्योहार ईद उल अजहा(बकरीद)एक अगस्त को है ,इस्लाम धर्म मे बकरीद का त्योहार कुर्बानी के रूप... बकरीद के त्योहार का है विशेष महत्व

आशुतोष कुमार पांडेय

बस्ती/ इस्लाम धर्म का पवित्र त्योहार ईद उल अजहा(बकरीद)एक अगस्त को है ,इस्लाम धर्म मे बकरीद का त्योहार कुर्बानी के रूप मे मनाया जाता है,मुस्लिम धर्म के लोग इस दिन बकरे की कुर्बानी देकर इस पर्व को मनाते हैं । इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बकरीद के त्योहार का विशेष महत्व है कहा जाता है कि हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के दौर से कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई है । प्रचलित मान्यताओं के अनुसार पैगंबर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को कोई संतान नही थी और जब अल्लाह से काफी मिन्नतों के बाद उन्हें एक संतान हुई तो उनका नाम इस्माइल रखा गया ।हजरत इब्राहीम अलैहिस्लाम अपने बेटे इस्माइल से बहुत प्यार करते थे ,मान्यता है कि एक रात हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को अल्लाह के तरफ से सपना आया कि वह अपने सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी दें ,उन्होंने एक एक करके अपने सारे जानवरों की कुर्बानी दे दी ।लेकिन सपने मे फिर अल्लाह के तरफ से उन्हें अपने सबसे प्यारी चीज कुर्बानी करने का आदेश मिला ।कहा जाता है कि हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को अपने प्यारे बेटे इस्माइल से सबसे ज्यादा प्यार था,लेकिन अल्लाह के आदेश का पालन करते हुए वे अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गये ।उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देते समय अपने आँखों पर पट्टी बाँध ली और कुर्बानी के बाद जब आँखें खोली तो उनके बेटे इस्माइल जिंदा थे और उनके आँखों के सामने खडे थे ।अल्लाह इब्राहिम अलैहिस्सलाम के इस निष्ठा से बेहद खुश हुए और उनके बेटे की जगह कुर्बानी को बकरे में बदल दिया ।कहा जाता है उसी समय से बकरीद  पर बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा चला आ रही है ।इसी हर वर्ष मुस्लिम समाज के लोग बकरों की कुर्बानी देकर हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के द्वारा दी हुई कुर्बानी को यादकर बकरे की कुर्बानी देते हैं । नगर बाजार जामा मस्जिद के ईमाम हाफिज नूर आलम ने बताया कि इस्लाम में कुर्बानी हर उस आदमी चाहे मर्द हो या औरत वाजिब है जिसके पास साढ़े 52 तोला चाँदी या साढ़े सात तोला सोना या उसके बराबर नकदी हो।

Times Todays News

No comments so far.

Be first to leave comment below.

Your email address will not be published. Required fields are marked *