आपदा में अवसर तलाशना होगाः अतुल कोठारी आपदा में अवसर तलाशना होगाः अतुल कोठारी
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त संयोजन में ”आईसीटी, लर्निंग एंड ई-कंटेंट डेवलपमेंट” विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आज 20 जुलाई, 2020 को शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि आज हम जिस कालखंड में है उसमें हमारी अपनी स्थापित मान्यताओं पर चुनौतीपूर्ण प्रश्नवाचक चिन्ह लग गया है। इन सभी संभावनाओं के उत्तर हमें वर्चुअल वर्ड में ही मिल सकता है। इन सभी के उत्तर आइसीटी के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।     कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मानव जीवन पर अत्यन्त व्यापक प्रभाव पड़ा है। वर्तमान समय शिक्षकों को नवीनता के साथ अपडेट होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना का फिलहाल समाप्त होना सम्भव नहीं लगता। इसलिए हमें आपदा में अवसर तलाशना होगा।     कार्यक्रम में मुख्य वक्ता हरिसिंह गौर विवि सागर, मध्य प्रदेश के समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष प्रो0 दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि ई-कंटेंट को अत्यंत बुद्धिमत्ता के साथ विकसित करना चाहिये। ई-कंटेंट सरल, सुगम और बोधगम्य होना चाहिये। साथ ही इस सम्बन्ध में नियमों और कानून का ज्ञान होना चाहिये।  कार्यशाला के सह-संरक्षक एवं विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 एसएन शुक्ल ने कार्यक्रम को उपयोगी बताया तथा कहा की निश्चित रूप से इससे अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्रम की सह-संरक्षक तथा इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डाॅ0 मनोरमा सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि आज कोविड-19 का मुकाबला भी करना है और शिक्षण कार्य भी चलाना है।         आपदा में अवसर तलाशना होगाः अतुल कोठारी

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त संयोजन में ”आईसीटी, लर्निंग एंड ई-कंटेंट डेवलपमेंट” विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आज 20 जुलाई, 2020 को शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि आज हम जिस कालखंड में है उसमें हमारी अपनी स्थापित मान्यताओं पर चुनौतीपूर्ण प्रश्नवाचक चिन्ह लग गया है। इन सभी संभावनाओं के उत्तर हमें वर्चुअल वर्ड में ही मिल सकता है। इन सभी के उत्तर आइसीटी के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।

    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मानव जीवन पर अत्यन्त व्यापक प्रभाव पड़ा है। वर्तमान समय शिक्षकों को नवीनता के साथ अपडेट होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना का फिलहाल समाप्त होना सम्भव नहीं लगता। इसलिए हमें आपदा में अवसर तलाशना होगा। 

   कार्यक्रम में मुख्य वक्ता हरिसिंह गौर विवि सागर, मध्य प्रदेश के समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष प्रो0 दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि ई-कंटेंट को अत्यंत बुद्धिमत्ता के साथ विकसित करना चाहिये। ई-कंटेंट सरल, सुगम और बोधगम्य होना चाहिये। साथ ही इस सम्बन्ध में नियमों और कानून का ज्ञान होना चाहिये।  कार्यशाला के सह-संरक्षक एवं विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 एसएन शुक्ल ने कार्यक्रम को उपयोगी बताया तथा कहा की निश्चित रूप से इससे अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्रम की सह-संरक्षक तथा इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डाॅ0 मनोरमा सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि आज कोविड-19 का मुकाबला भी करना है और शिक्षण कार्य भी चलाना है। 

   

  

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