बरसात बरसात
डाॅ0 करुणा वर्मा आज आसमान से कोई नूर बरसा हैतुम्हें यकीन हो न हो पर जरूर बरसा हैअब यहाँ शहीदों की माँए नहीं रोया... बरसात


डाॅ0 करुणा वर्मा

आज आसमान से कोई नूर बरसा है
तुम्हें यकीन हो न हो पर जरूर बरसा है
अब यहाँ शहीदों की माँए नहीं रोया करतीं
उनकी आँखों में पानी देखा तो समझो गुरूर बरसा है
खुदा ने खुद तराशा है अपने हाथें से उसे
देखोगे तो समझोगे क्या सुरूर बरसा है
कहते हैं कि लड़कियाँ आज कल बेअदब हो गयीं
अदब से मिलो साहब देखो क्या सुरूर बरसा है।।

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