


मेजर (डॉ.)बलराम त्रिपाठी
जिस विषय में तू सोचे, वह ईश्वर है यह जान
दृश्य दिखाई दे तुझे, ईश स्वरूप तू मान।
वर्णन जिसका तू करें, वह भी है भगवान
इंद्रिय जिसको ग्रहण करें, प्रभु स्वरूप धर ध्यान।
प्रभु के अन्य ना है कोई, यही है सच्चा ज्ञान
बुद्धि तेरी इस सत्य को, अति शीघ्र लेमान।
हिय उतार यह ज्ञान अब, है यह गीता ज्ञान
ईश ही संसार बने हैं, इस ज्ञान से बड़ा न ज्ञान।
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