

निजी शिक्षण संस्थानों के बारे में भी सरकार सोचे :अंजनी वर्मा
अम्बेडकर नगरउत्तर प्रदेशराज्य July 9, 2020 Times Todays News 0

अंबेडकरनगर– कोविड-19 का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है और प्रतिदिन कोरोना वायरस के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं।जिसके चलते कोचिंग एवं शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है।शिक्षण संस्थान बंद होने से सर्वाधिक परेशानी निजी विद्यालय के शिक्षकों को उठानी पड़ रही है।विदित हो कि मार्च माह में पहले जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन का क्रम शुरू हुआ जो जुलाई माह में भी जारी है।ऐसे में निजी विद्यालय के शिक्षकों के घर का खर्चा कैसे संचालित हो रहा है यह एक गंभीर प्रश्न बनकर खड़ा है। क्षेत्र में सैकड़ों निजी विद्यालय हैं जहां हजारों की संख्या में शिक्षक कार्यरत हैं।शिक्षण संस्थान बंद होने से विद्यालय में शुल्क ना के बराबर पहुंच रहा है जिससे शिक्षकों को वेतन मिलने में दिक्कत हो रही है। हालांकि अभी तक शिक्षण संस्थानों द्वारा उन्हें वेतन दिया गया है लेकिन भविष्य में यदि यही हाल रहा तो शिक्षण संस्थान के संचालक वेतन कैसे देंगे?इस बात की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है।निजी विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि देश की विकास की गति शिक्षा पर निर्भर है मौजूदा समय में शिक्षण कार्य ठप है ऐसे में विकास पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वही जय बजरंग इंटर कॉलेज रामनगर के प्रधानाचार्य डॉ राजेंद्र सिंह का कहना है कि कोरोना का काल में शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है ऑनलाइन शिक्षण कार्य के जरिए व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन नेटवर्क एवं छात्रों के बीच मोबाइल फोन की अनुपलब्धता के चलते समस्या हो रही है वही जय बजरंग पब्लिक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर वाईपी सिंह का कहना है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ने से आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है जिससे शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के लिए समस्या खड़ी हो रही है ऑनलाइन क्लास के संचालन से जहां छात्रों को तालीम देने का प्रयास किया जा रहा है वही 20% छात्र ही शुल्क जमा कर रहे हैं ऐसे में समस्या बढ़ती जा रही है।अन्य शिक्षकों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि शिक्षण कार्य प्रभावित होने से देश के विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है यदि इसी तरह शिक्षा व्यवस्था का संचालन चलेगा तो छात्रों के ज्ञान में भी कमी आएगी।कुल मिलाकर निजी विद्यालय के शिक्षकों ने सरकार से लाकडाउन अवधि में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने की मांग किया है। विद्या भारती द्वारा संचालित जन शिक्षण समिति अवध प्रान्त के प्रदेश अध्यक्ष अंजनी कुमार वर्मा का कहना है कि प्रदेश की संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था में प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षा तक में निजी विद्यालयों का का योगदान 50% है और यदि माध्यमिक स्तर पर ही इसका आकलन किया जाए तो यह प्रतिशत 80% के ऊपर तक चला जाता है है कि शिक्षा व्यवस्था में इतने बड़े पैमाने पर योगदान करने वाले संस्थानों और उनके संचालकों के बारे में भी सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसा उपाय करना चाहिए कि यह निजी शिक्षण संस्थान में सुचारू रूप से चल सके और शिक्षा व्यवस्था की गाड़ी आसानी से पटरी पर दौड़ सके।
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