वेस्ट मटेरियल को उपयोगी बना स्कूली बच्चों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश वेस्ट मटेरियल को उपयोगी बना स्कूली बच्चों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
नई दिल्ली,बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेसमी वर्कशॉप इंडिया द्वारा दिल्ली नगर निगम प्राथमिक बाल/बालिका विद्यालय, नरेला मंडी-2 में... वेस्ट मटेरियल को उपयोगी बना स्कूली बच्चों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

नई दिल्ली,बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेसमी वर्कशॉप इंडिया द्वारा दिल्ली नगर निगम प्राथमिक बाल/बालिका विद्यालय, नरेला मंडी-2 में पर्यावरण के संदेश के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें बच्चों ने गीले कचरे से बनाई कंपोस्ट खाद सहित प्लास्टिक की बोतलों और डिब्बों में पौधे लगाकर उन्हें उपयोगी बना कर प्रदर्शित किया। यह कार्यक्रम सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने चाइल्ड सर्वाइवल इंडिया के सहयोग आयोजित किया था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महिपाल, स्कूल इंस्पेक्टर, एमसीडी स्कूल, नरेला सहित प्राथमिक बाल/बालिका विद्यालय, नरेला मंडी-2 की प्राचार्या सुशीला कुमारी और निगम प्रतिभा बालिका विद्यालय नरेला मंडी-1 की प्राचार्य निर्मला कुमारी भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में काफी संख्या में स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक भी शामिल हुए।इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्कूल इंस्पेक्टर, एमसीडी स्कूल, नरेला, महिपाल जी ने ‘मेरा प्लेनेट मेरा घर’ अभियान की सराहना करते हुए कहा कि मैं चाहूंगा कि नरेला में जितने भी एमसीडी स्कूल हैं सभी जगह यह कार्यक्रम पहुंचे। पर्यावरण संरक्षण को लेकर जिस तरह से बच्चे इस पहल को आगे ले जा रहे यह बहुत ही सराहनीय कदम है। आज अगर हमारे बच्चे पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं होंगे तो हम लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह कार्यक्रम तब तक चलता रहेगा जब तक कि दिल्ली का हर स्कूल, हर बच्चा और हर नागरिक पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक न हो जाए। सेसमी वर्कशॉप इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर सोनाली खान ने ‘मेरा प्लेनेट मेरा घर’ अभियान के बारे में बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम 5 से 10 साल तक के बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें हम उनको खराब पड़ी चीजों का उपयोग पर्यावरण के लिए कैसे कर सकते हैं, गीले कचरे से कैसे कंपोस्ट बना सकते हैं, सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग कलर की डस्टबिन में कैसे अलग-अलग डाले, हवा कैसे खराब होती, हवा को कैसे साफ करें और कचरा कैसे जीरो करें। इन सभी प्रयासों के चलते बच्चों ने स्कूल में जहां हर्बल गार्डन बनाया हैं वहीं कंपोस्ट खाद सहित खराब पड़ी बोतलों और डिब्बों में पौधे लगाए हैं। हम स्कूलों के ईको क्लब को सशक्त करने का भी काम कर रहे हैं जिससे बच्चे अपनी बात संबंधित विभागों, जनप्रतिनिधियों तक खुद पहुंचा सकें। उन्होंने बताया कि अभी यह अभियान एमसीडी के 19 स्कूलों के साथ ही समुदायों में भी चल रहा है।कार्यक्रम में मौजूद प्राचार्या सुशीला कुमारी ने कहा कि हम लोगों ने इस पहल के माध्यम से बच्चों को एयर इंडेक्स के बारे में बताया अब बच्चे साफ और गंदी हवा के फर्क को आसानी से समझने लगे हैं।निगम प्रतिभा बालिका विद्यालय नरेला मंडी-1 की प्राचार्य निर्मला कुमारी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की इस पहल के साथ हम हमेशा खड़े है। हम साथी संस्थाओं के हृदय से आभारी हैं, जिन्होंने बच्चों के लिए इतना अच्छा कार्यक्रम बनाया। उम्मीद है कि जल्दी ही हम लोग इन बच्चों के प्रयास से स्वच्छ वातावरण में रह सकेगें।

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