


डॉ ए एस विशेन/ प्रेम प्रकाश
कुशीनगर जिले के हटा तहसील में एक ऐसा स्कूल जहां कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों की पढ़ाई होती है । हाटा तहसील का पहला विद्यालय है, जिसकी निर्माण अंग्रेजों ने कराया था। आज उक्त विद्यालय अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जहां एक तरफ सरकार अपनी उपलब्धियों पर पीठ थपथपा रही है ,तो दूसरी तरफ विद्यालय के हालात विकास कार्यो को मुह चिड़ा रही है।सरकार गांव-गांव डिजीटल रैलीया कर लोगो को डिजिटल इंडिया का पाठ पढ़ा रही है,तो वही क्षेत्र की जनता अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए शहरों के विद्यालयों पर आश्रित है।इतने बड़े नगर पालिका परिषद हाटा में सांसद, विधायक ,चेयरमैन, सभासद सहित बड़े बड़े रसूखदार रहते है और इन्हें उक्त समस्या से अवगत भी कराया जाता रहा है,किन्तु कोई ठोस रास्ता नहीं निकल सका।सरकारी अमला डीएम, एसडीएम, तहसीलदार से लगातार कहा गया। अन्य किसी को भी इस दुर्दशा से कोई सरोकार नही है।विद्यालय के रास्ते में पानी लगा हुआ है ,बाउंड्री वाल नहीं है ,बच्चों के बैठने के लिए ड़ेस्क ब्रेंच नहीं है ।भवन जर्जर है।स्थानीय लोगो द्वारा समस्या के समाधान हेतु अनेको बार आवाज बुलंद की गई , लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई ।एक तरफ सरकार बच्चों को विद्यालय में बुलाना चाहती है ,तो दूसरी तरफ व्यवस्था शून्य है। बताते चलें कि पिछले साल इस विद्यालय का चयन मॉडल विद्यालय के रूप में हुआ था। जिसके जीर्णोद्धार के लिए 24 लाख रुपया मिलना था। एक वर्ष बीतने के उपरांत भी एक पैसा नहीं मिला है।
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