शहीदों को नमन शहीदों को नमन
 हे अमर पुत्र जीवन दानी,  मां भारती करती तुम्हें नमन।  अर्पित कर दिया जीवन पुष्प, राष्ट्रकर रहा तुम्हें नमन।  हिमालय है सरताज देश का, ताज में जड़ गए... शहीदों को नमन


 हे अमर पुत्र जीवन दानी,  मां भारती करती तुम्हें नमन। 
 अर्पित कर दिया जीवन पुष्प, राष्ट्रकर रहा तुम्हें नमन। 
 हिमालय है सरताज देश का, ताज में जड़ गए कई रतन। 
 देश आपका रिड़ी  हुआ, न्योछावर हो गए आप वतन। 
 मां भारती के गोद सो गए, दुश्मन के अहंका  कर दमन। 
 शस्त्र हाथ से छुआ नहीं, रिपु शत  सब करते रुधिर वमन। 
 गलवान में खुदेगी कब्र अभी, अब देश ने कसम यह खाई है। 
 कायर जिनपिंग क्या सोच रहा, तेरी फौज पर अब बन आयी है। 
 शोक नदी के शीतल जल में, पीएलए का तर्पण होगा। 
 कुठार हाथ ले काल बनेंगे, अब हिंद फौज का नर्तन होगा। 
 गीदड़ बन छुप घात  किया, जान गए अब सभी वतन। 
 प्रतिघात झेल गर्दन संभाल, अब रणचंडी केकर दर्शन। 
 हे अमर पुत्र जीवन दानी, मां भारती करती तुम्हें नमन। 

मेजर बलराम त्रिपाठी

Times Todays News

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