


सूर्यभान गुप्त
सूरज को गाली देने का फैशन है।छांव के लिए पेड़ लगाना पड़ता है।प्रताप सोमवंशी के इसी शेर से शुरू करता हूं । पर्यावरण दिवस पर कितने पेड़ लगाए गए सवाल इसका नहीं है सवाल उसके रखरखाव का है।चलिए राजस्थान घूम लेते। एक बच्ची पैदल चलते चलते प्यास लगने पर पानी पानी के कहती है और पानी के अभाव में दम तोड़ देती है। एक अस्पताल में पता नहीं क्यों मरीजों की जान से खिलवाड़ किया गया। अस्पताल मालिक को संभवत कहीं से संरक्षण प्राप्त था ।अन्यथा अब तक बंद हो गया होता कुछ समझ में नहीं आया । चलिए सरसों के तेल भर एक मंत्री जी का बयान बहुत सच्चा है। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने मिलावटबंद कर दी इसीलिए महंगा हो गया। इससे पहले एक सज्जन कह रहे थे लोगों को ऑक्सीजन दिया जा रहा है जबकि वैक्सीन कहना था तो आप समझ लीजिए देश सुरक्षित हाथों में है और ज्यादा सुरक्षा कांग्रेश से आए नेता कर देंगे। दलबदल करने वालों का स्टेटस जनता जानती है। आगरा के एक परिवार ने लॉक डाउन की मंदी की वजह से आत्महत्या कर ली।पीतल की बाली में विदा कर दिया बेटी को।बाप सोने की खदान में मजदूर था।।
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