


सूर्यभान गुप्त
उसने पहले पैर में कील ठोका।उसके बाद हाथ में ठोका।कप्तान साहब ने कहा है तो झूठ तो होगा नहीं।जरा कप्तान साहब अपने हाथ में एक ठोक कर दिखाएं दर्द होगा कि नहीं। चलिए एक कविता से शुरू करता हूं राजा बोला रात है।रानी बोली रात है मंत्री बोला रात है संत्री बोला रात है और यह सुबह सुबह की बात है। बस समझ जाइए क्या होने वाला है। बोलना गुनाह है।राहत इंदौरी साहब के शब्दों में घर के भीतर झूठों की एक मंडी हैदरवाजे पर लिखा हुआ है सच बोलो चलिए आगे बढ़ते हैं राजस्थान के भरतपुर का एक वीडियो देखा एक कार में सवार डॉक्टर दंपति को मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति सीधे गोली मारकर हत्या कर देता है और मोटरसाइकिल पर भाग जाता है । कमाल की कानून व्यवस्था बनाई है गहलोत साहब ने। इस समय सबसे गर्म मुद्दा आयुर्वेद और एलोपैथ हो गया। मामला अपने आप को बड़ साबित करने का है।मेरी समझ से दोनों पक्ष को तलवार म्यान में रख देनी चाहिए। दोनों पद्धति जनता के लिए लाभदायक है समय-समय पर सही ढंग से उपयोग होना चाहिए। मामला दिल के दौरे का ले लीजिए। उसने मरीज को तत्काल ऑक्सीजन चाहिए। एक दवा है अभयारिष्ट है लाभदायक है दिल की बीमारी के लिएमगर अटैक पड़ने पर उसे नहीं पिलाया जा सकता।इसे समझ लेना जरूरी है। एक उदाहरण दे रहे है। एक महिला की गैस बहुत बनता था। अंग्रेजी दवाई पैंटॉप। महीनों इस्तेमाल किया गया कोई फायदा नहीं होम्योपैथी डॉक्टर साहब से पूंछा गया। उन्होंने सफेद चीनी वाली गोली की डिब्बी पकड़ाई।₹2 में अस्पताल में मिला और ठीक हो गया।तो नतीजा यह है। हर चिकित्सा की पद्धति अपनी अपनी जगह कारगर होती है बहस को खत्म करना ही बुद्धिमानी होगी।
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