


इस वर्ष जून का महीना खरीफ की मुख्य फसल धान के लिए अत्यंत अनुकूल साबित हुआ है। इस वर्ष 30 जून तक पूरे महीने में 230.8मिमी बारिश रिकार्ड की गई जो जून की सामान्य वर्षा का 174प्रतिशत है। जून की सामान्य वर्षा 132.4 मिमी आंका गई है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ सीताराम मिश्रा तथा मौसम वैज्ञानिक अमरनाथ मिश्रा के अनुसार वर्ष 2014 के बाद यह पहला वर्ष है जब जून माह की औसत वर्षा का रिकार्ड ब्रेक हुआ है तथा वर्षा की ज्यादा मात्रा भी उतनी ही है कि फसलों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नही पड़ा वरन धान की बेरन तैयार कर चुके किसानों को कम डीजल व कम घण्टों की विद्युत आपूर्ति में धान रोपाई का मौका मिल गया, जिससे फिलहाल उनकी कुल लागत में कमी अवश्य आएगी। मौसम वैज्ञानिकों ने जो आंकड़े उपलब्ध कराए उसके अनुसार वर्ष 2014 में औसत वर्षा 132.4 मिमी के मुकाबले मात्र 35.6मिमी,2015 में 103.7मिमी,2016 में 93.3मिमी,2017 में 71.9मिमी,2018 में 18.4 मिमी तथा वर्ष 2019 में मात्र 24 मिमी वर्षा रेकॉर्ड की गई थी। वर्ष 2013 में जून माह में औसत वर्षा 132.4 मिमी के सापेक्ष 577.9मिमी वर्षा रेकॉर्ड की गई थी जो फायदा देने के बजाय विशेषरूप से निचले खेतों की धान फसल को बुरी तरह प्रभावित करने वाली रही। वैज्ञानिकों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष में कुल सामान्य वर्षा 1001मिमी होनी है और 1 जनवरी से 30 जून तक 458.6मिमी वर्षा हो चुकी है जो सामान्य वर्षा का 45.8प्रतिशत है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह का निर्देश है कि मौसम पूर्वानुमान व कृषि सलाहकारी किसानों तक नियमित रूप से प्रसारित होती रहे जिससे कृषक भाई अपनी फसल उत्पादन रणनीति उसके अनुरूप बनाते रहें व फसल सुरक्षा कर सकें।
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