


सूर्यभान गुप्त
फिलहाल यह मान लेने में कोई दिक्कत नहीं है कि हमारी तैयारी पूरी नहीं है। आलोचना का अवसर नहीं है। लेकिन कहना पड़ रहा है साल भर पहले से अगर तैयारी शुरू की गई होती तो आज कई लोगों की जान नहीं जाती।जनरल वीके सिंह का ट्वीट देखा। उनके भाई को बेड नहीं मिल पाया। कविवर कुमार विश्वास किसी के लिए फोन किया था।जवाब बहुत घटिया था क्या आप मंत्री हो कमिश्नर हो फिलहाल एक और ट्वीट देखते हैं। ट्वीट किया है कहीं से ऑक्सीजन का इंतजाम करा दीजिए सांस उखड़ रही है। वैसे अपने जनपद में खुदाई चालू हो गई है। बोरिंग शुरू होती है। पानी निकलना शुरू होगा।। तब तक ऑक्सीजन वाले सब्र करें। फिलहाल मौके पर इंतजाम किया जा रहा है। काश पहले से सोचा गया होता। एक सरकारी डॉक्टर से बात हो रही थी। सीमित शब्दों में उनकी माता जी का तबीयत खराब था। हाल-चाल लेने के लिए फोन किया । जवाब मिला माताजी को घर ले आए। बाकी आप जानते हैं क्या व्यवस्था है मुंबई के एक शाहनवाज शेख नाम है। ऑक्सीजन मैन के नाम से प्रसिद्ध हो गए। 23 लाख में अपनी गाड़ी बेचकर ऑक्सीजन देना शुरू किया है, सलाम है ऐसे लोगों को। एक हेल्पलाइन तथा एक टीम बनाई है जो घर-घर पहुंच आती है। इन सारी बातों से अलग एक खबर। सरकार जरूरत के लिए सक्रिय हो गई है , काश पहले किया जाता। चलते चलते मन बहुत दुखी है।
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