

……साथ तेरे क्या जाएगा
अम्बेडकर नगरजिलेराज्य April 5, 2021 Times Todays News 0

दुनिया छोड़कर जो भी जाता, खाली हाथ ही जाता है।
कपड़े तन के धन दौलत, सब यही छोड़कर जाता है।
गले हार हाथ अंगूठी, तुरंत निकाली जाती है।
भौतिक चीजें यहीं रह जाती, सोचो साथ क्या जाती है।
सेवा दान उपकार जो करता, वही सुकृत संग जाती है।
प्रारब्ध तेरा इसी से बनता, सौभाग्य यही कहलाती है।
किसी योनि में जाएगा तू, उसका भी परिणाम यही।
स्वर्ग जाएगा नरक मिलेगा, या लौट पुनः आएगा मही।
मैं नहीं कहता ऋषि कहते, गीता कहती है पुराण यही।
जैसी करनी वैसी भरनी, विधान कर्म का सदा यही।
अब से चेत ले तू रे बंदे, साथ तेरे क्या जाएगा।
जो कुछ बोया यहां धरा पर, वही लौटकर पाएगा।
मेजर डॉ. बलराम त्रिपाठी
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