चोटों के निशान बयां कर रहे बर्बरता की कहानी चोटों के निशान बयां कर रहे बर्बरता की कहानी
प्रफुल्ल श्रीवास्तव अम्बेडकरनगर। पुलिस हिरासत में जियाउद्दीन की मौत यूं ही नही हुई । उसके शरीर पर दिख रहे चोटों के निशान बर्बरता की... चोटों के निशान बयां कर रहे बर्बरता की कहानी


प्रफुल्ल श्रीवास्तव

अम्बेडकरनगर। पुलिस हिरासत में जियाउद्दीन की मौत यूं ही नही हुई । उसके शरीर पर दिख रहे चोटों के निशान बर्बरता की कहानी को बयां कर रहे हैं।अब चूंकि इस मामले में आरोपियों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है लेकिन क्या इतने भर से पुलिस विभाग के आला हाकिम अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं। सर्व विदित है कि स्वाट टीम अपनी कार्यवाही की हर पल की रिपोर्ट सीधे पुलिस अधीक्षक को करती है। ऐसे में जियाउद्दीन के साथ दो दिन तक जो कुछ भी हो रहा था क्या उसकी जानकारी विभाग के मुखिया को नही थी। यदि उन्हें जियाउद्दीन की बिगड़ती हालत की जानकारी थी तो समय रहते उसके इलाज के समुचित प्रबन्ध क्यों नही किये गये।

Times Todays News

No comments so far.

Be first to leave comment below.

Your email address will not be published. Required fields are marked *