

फिर मिलकर हम खेलें होली
उत्तर प्रदेशराज्यसाहित्य जगत March 28, 2021 Times Todays News 0

बचपन की गलियों की होलीचेहरे पर खुशियों की रोली
अपनों की वो हंसी ठिठोलीयारों की मनमौजी टोली..।।
रंग गुलाल की वो बौछारेंआज भी गीला कर जाती हैं
कानों में अब भी आती हैंयारों की वो मीठी बोली..।।
काश कभी हम फिर मिल पाते सबको अपने गले लगाते
बारिश का मौसम कुछ बनता फिर आँखें हो जातीं गीली..।।
आ जाओ मेरे यारों तुमफिर से बचपन की गलियों में
यादें फिर ताज़ा हो जायेंफिर मिलकर हम खेलें होली..।।
फिर मिलकर हम खेलें होली..।।
ग्राम व पत्रालय-काहीजनपद-अम्बेडकर नगर (उ0 प्र0)
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