


पशुपालन विभाग ने पशु रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय एक दिवसीय पशुपालक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र मसौधा के प्रशिक्षण सभागार में किया । गोष्ठी का शुभारंभ करते हुये मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके कुशवाहा ने कहा कृषि और पशुपालन एक दूसरे के अंग हैं पशुओं से प्राप्त होने वाली गोबर की खाद हमारी कृषि भूमि के लिए वरदान माना जाता है इसलिए कृषक पशुपालन अवश्य करें । उन्होंने पशुपालकों को पशुओं में होने वाली थनैला रोग तथा रेबीज रोग के निदान व बचाव के बारे में जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र मसौधा के प्रभारी डा.शशिकांत यादव ने आगंतुकों का स्वागत करते हुये कहा पशुपालन का अर्थ केवल गाय ,भैंस पालना ही नहीं है बल्कि पशुपालन केक्षेत्र में बकरी,भेड़,सुअर,मुर्गी,बत्तख पालन कर कृषक आगे बढ़ सकते हैं । गोष्ठी मे केवीके के एसोसिएट प्रोफेसर,व पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. देश दीपक सिंह ने पशुपालकों को खुरपका -मुंहपका, गला घोटू, लंगडी, क्षय रोग, ब्रूसेलोसिस, पीपीआर, बर्ड फ्लू आदि प्रमुख बीमारियों के कारक, लक्षण, निदान तथा बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर पशु रोग नियंत्रण योजना के नोडल अधिकारी डॉ. विवेक शुक्ला ने पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के लिए चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं तथा टीकाकरण के कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.धनंजय मिश्रा, डॉ ० ममता सिंह, डॉ संजय कुमार, डॉ.सूर्यपाल तथा पशुधन प्रसार अधिकारी अनूप कुमार, मंदाकिनी त्रिपाठी, प्रियंका सिंह सहित विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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