इंटैक ने निकाली धरोहर यात्रा इंटैक ने निकाली धरोहर यात्रा
अयोध्या / आध्यात्मिक और पौराणिक नगरी अयोध्या के सरयू तट से लगी लगभग एक किलोमीटर की परिधि में मौजूद प्राचीन धरोहरें अयोध्या के इतिहास... इंटैक ने निकाली धरोहर यात्रा

अयोध्या / आध्यात्मिक और पौराणिक नगरी अयोध्या के सरयू तट से लगी लगभग एक किलोमीटर की परिधि में मौजूद प्राचीन धरोहरें अयोध्या के इतिहास को बया करती है। पुराणों में स्वर्गद्वार क्षेत्र का यह हिस्सा अयोध्या का नाभि स्थल (केंद्र) बताया गया है, जहां आज भी असीम सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। दि इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) अयोध्या चैप्टर की संयोजक एवं प्रतिष्ठित शिक्षाविद् मंजुला झुनझुनवाला के संयोजन में यहां मौजूद धरोहरों से लोगों को परिचित कराने के लिए दूसरी धरोहर यात्रा निकाली गई। धरोहर यात्रा की प्रभारी एवं वक्ता डॉ. दिव्या शुक्ला ने लोगों को बताया कि तुलसी उद्यान से सहस्त्र धारा तक का हिस्सा अयोध्या की आत्म स्थली है। यहां प्राचीन मंदिरों के अतिरिक्त, वह इमारतें भी हैं, जिनसे आज भी लोग अनजान हैं। यहीं नहीं इसी मार्ग पर विभिन्न राजघरानों के मंदिर भी है, जो अपने में सबसे अलग हैं।

यात्रा आर्गनाइजर डॉ. शुक्ला ने बताया कि तुलसी उद्यान कभी विक्टोरिया पार्क हुआ करता था। बिहार के छपरा जिला के रूसी रियासत का रूसी मंदिर का बाहरी हिस्सा 1866 में राघवेंद्र सुरेंद्र शाही ने और अंदर स्थित मंदिर उनकी बहू पार्वती ने 1905 में बनवाया। फूल पुर मंदिर इलाहाबाद स्थित फूलपुर रियासत का लाल पत्थरों से निर्मित प्राचीन मंदिर है। मंदिर में की गई नक्काशी शायद ही कहीं देखने को मिले। इसी तरह रूपकला कुंज, दिव्यकला कुंज की स्थापना का अपना इतिहास है। देश में विभिन्न तीर्थ स्थलों का निर्माण कराने वाली अहिल्याबाई होलकर ने अयोध्या में भी मंदिर का निर्माण कराया। त्रेता के नाथ, नागेश्वरनाथ मंदिर, कालेराम मंदिर, चंद्रहरि मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सहस्त्रधारा घाट पर स्थित इकलौता लक्ष्मण मंदिर का अपना आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व है। यहां मौजूद एक विशालकाय जर्जर इमारत का इतिहास आज भी तलाशा जा रहा है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि तकरीबन सवा किलोमीटर की इस धरोहर यात्रा का उद्देश्य अयोध्या की पौराणिक, आध्यात्मिक धरोहर को संरक्षित करने, सहेजने के लिए लोगों का ध्यान आकृष्ट कराना रहा। इंटैक अयोध्या चैप्टर की संयोजक श्रीमती झुनझुनवाला ने मौजूद सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि इन धरोहरों को सहेजने, संरक्षित करने और इनकों मूल रूप प्रदान करने के लिए सभी को आगे आकर प्रयास करना होगा।

यात्रा में शामिल होने के लिए मुंबई से आईं अर्थ संवर्त फाउंडेशन की सीईओ चंद्र प्रभा, मैनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक सिंह, जो जेबी अकादमी के पूर्व छात्र भी हैं, ने साफ सफाई के लिए यात्रा में शामिल लोगों को जागरूक किया। यात्रा में इंटैक की अतिरिक्त सह संयोजक अनुजा श्रीवास्तव, हेरिटेज क्लब के बच्चे मान्या अरोड़ा, अमय विक्रम सिंह, इमरान, दानिश, अनादि, आस्था, ओम मनचंदा ने अहम भूमिका निभाई।

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