


अयोध्या 05 मार्च 2021 (सूवि)ः-जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने आज 5 मार्च 2021 को पूर्वान्ह 10.00 बजे अधिशाषी अभियन्ता, निर्माण खण्ड, उ0प्र0 जल निगम, अयोध्या के कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में कार्यरत कुल 24 अधिकारी, कर्मचारियों में से 21 अधिकारी, कर्मचारी पाये गए अनुपस्थित। निरीक्षण के समय वीरेन्द्र कुमार सहायक अभियन्ता व हसन अली सहायक यान्त्रिक उपस्थित मिले तथा विमल चन्द्र सोनी हेल्पर के संबंध में शासकीय कार्य से जनपद गोरखपुर जाने का अंकन उपस्थिति पंजिका में पाया गया। इसके अतिरिक्त महेन्द्र राम अधिशाषी अभियन्ता, एस0आई0एच0 रिजवी सहायक अभियन्ता, साहब लाल बिन्द अवर अभियन्ता, कर्मवीर गौतम अवर अभियन्ता, आदित्य कुमार अवर अभियन्ता, राजेश कुमार अवर अभियन्ता, राजेश कुमार अग्रवाल प्रशासनिक अधिकारी, श्रीमती रेखा तिवारी वरिष्ठ सहायक, पुनीत यादव वरिष्ठ सहायक, रविकान्त यादव वरिष्ठ सहायक, राम तिलक वर्मा वर्क एजेण्ट, श्रीमती तारा देवी वर्क एजेण्ट, उदयराज वर्क एजेण्ट, इरफान अब्बास वर्क एजेण्ट, ओम प्रकाश वर्मा दफ्तरी, राजदेव पाण्डेय रनर, सूर्यकरन तिवारी पम्प अटेण्डेण्ट, गोपाल नारायन तिवारी वाहन चालक, मोहम्मद कयूम वाहन चालक, महावीर सिंह चपरासी तथा अशोक कुमार सिंह चैकीदार पाये गये अनुपस्थित। जिस पर जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों का 5 मार्च 2021 (एक दिन) का वेतन अग्रिम आदेशों तक आहरित न करने के निर्देश के साथ ही अधिशाषी अभियन्ता स्वयं सहित सभी अनुपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त कर अपनी टिप्पणी सहित 03 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने के दिए निर्देश।
जिलाधिकारी श्री झा के निरीक्षण के समय कार्यालय के बरामदे में जर्जर एवं टूटी हुई कुर्सी एवं बेंच रखी हुई थी। कुर्सी पर पानी की छोटी टंकी रखी हुई थी तथा इसी के पास नीचे कूड़ादान भी रखा गया था। इसके आस-पास पानी गिरा हुआ था तथा काफी गन्दगी भी थी। इसके अलावा कार्यालय के बाहर एवं अन्दर कहीं भी सफाई नहीं की गयी थी तथा बाहर रखा कूड़ादान कूड़े से भरा हुआ था, इसकी भी सफाई नहीं की गयी थी। कार्यालय परिसर में पश्चिम तरफ लकड़ी जर्जर फर्नीचर और लोहे के सामान तथा बड़ा गत्ता रखा हुआ था जहां पर भी बहुत दिनों से सफाई नहीं हुई थी। इसके अतिरिक्त लोहे की रैकों पर कपड़ों में बाँध कर रखे गये कार्यालय के पुराने अभिलेखों पर काफी धूल जमा हुई थी। ऐसा प्रतीत होता रहा था कि इनकी काफी समय से सफाई नहीं की गयी है तथा पुराने एवं निष्प्रयोज्य अभिलेखों के नष्टीकरण की भी कार्यवाही काफी समय से नहीं की गयी हो। इसके उपरांत जिलाधिकारी द्वारा जनपदीय जल विश्लेषण प्रयोगशाला का निरीक्षण किया गया जहां पर जिलाधिकारी के पूछे जाने पर उपस्थित कर्मचारी द्वारा जल के नमूने एवं उनकी जाँच आदि के सम्बन्ध में कोई समुचित जानकारी नहीं दी जा सकी। जिलाधिकारी ने कार्यालय तथा इसके संपूर्ण परिसर आदि की तत्काल विधिवत् साफ-सफाई सुनिश्चित कराने के साथ ही निष्प्रयोज्य पुराने अभिलेखों तथा फर्नीचर आदि का नियमानुसार निस्तारण एक सप्ताह के अन्दर कराने तथा समस्त अभिलेखों को सुव्यवस्थित रूप से रखवाकर अनुपालन आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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