


डॉ. मनीराम वर्मा
एनटीपीसी-टांडा द्वारा अपने सामुदायिक विकास योजना के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से ‘‘ओएस्टर मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ का उद्घाटन समारोहपूर्वक किया गया। एनटीपीसी-टांडा के आवासीय परिसर स्थित कर्मचारी विकास केन्द्र में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी, अम्बेडकरनगर श्री घनश्याम मीणा एवं विशिष्ट अतिथि मुख्य महाप्रबंधक श्री के. श्रीनिवास राव जी रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री मीणा ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि इस समय बाजार में मशरूम की मांग काफी बढ़ रही है। यह प्रशिक्षण महिलाओं के लिए काफी उपयागी सिद्ध होगा और ये महिलाएं कम लागत में होने वाली मशरूम की खेती के माध्यम से अच्छी आय अर्जित कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एनटीपीसी टांडा द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाये जाने का यह प्रयास काफी सराहनीय है और सभी महिलायें इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करें।
एनटीपीसी-टांडा के मुख्य महाप्रबंधक श्री राव ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा इसके पूर्व भी परियोजना प्रभावित क्षेत्र की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए विविध प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। इसी क्रम में परियोजना प्रभावित गाॅंव महरीपुर की 25 महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें ओएस्टर मशरूम के उत्पादन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘शान्ति निकेतन जन सेवा समिति’’ के मशरूम खेती के विशेषज्ञ डाॅ0 गोविन्द देव मिश्र द्वारा सम्पन्न किया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि चार माह की होगी और इस दौरान प्रशिक्षक डाॅ0 मिश्र संबंधित गाॅंव मंे जाकर मशरूम उत्पादन की तकनीक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं बतायेंगे। उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि समय तेजी से बदल रहा है, इसलिए महिलाओं को हुनरमंद बनकर अपने घरेलू खर्च चलाने में हाथ बंटाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उपस्थित जनों से संवाद स्थापित करते हुए प्रशिक्षक डाॅ0 मिश्र ने बताया कि मशरूम की खेती बहुत सहज एवं कम उत्पादन लागत वाली है। उन्होंने कहा कि साधारणतया मशरूम 40 से 45 दिनों में विकसित हो जाता है और बाजार में इसकी मांग को देखते हुए इससे अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके द्वारा उत्पादित मशरूम के विपणन में आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में परियोजना के शीर्ष अधिकारियों, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं कमिश्निंग), जयंत सेनशर्मा, महाप्रबंधक (अनुरक्षण) बी.सी. पोलई, महाप्रबंधक (चिकित्सा सेवाएं) डाॅ0 उदयन तिवारी, अपर महाप्रबंधक (मा0सं0) एस.एन. पाणिग्राही ने भी अपने संबोधन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का हौसला बढ़ाया तथा कार्यक्रम की सफलता की शुभकामनाएं दी। सभी वक्ताओं ने मशरूम की खेती से होने वाले लाभ तथा इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त उपयोगी बताया।
कार्यक्रम का संयोजन आर एंड आर विभाग के उप महाप्रबंधक परवेज खान द्वारा किया गया।
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