पत्रकारिता ने अपने मूल चरित्र को खो दिया:  रामबहादुर राय पत्रकारिता ने अपने मूल चरित्र को खो दिया:  रामबहादुर राय
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) के स्वर्ण जयंती आयोजनों का शुभारंभ बेबिनार के माध्यम से किया गया। इस ऑनलाइन में 21 राज्यों के पत्रकार... पत्रकारिता ने अपने मूल चरित्र को खो दिया:  रामबहादुर राय

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) के स्वर्ण जयंती आयोजनों का शुभारंभ बेबिनार के माध्यम से किया गया। इस ऑनलाइन में 21 राज्यों के पत्रकार शामिल हुए। आयोजन में देश भर के पत्रकारों के मार्गदर्शन के लिए जाने माने वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र, राम बहादुर राय, के. एन. गुप्ता शामिल थे।

आयोजन के शुरू में स्वर्ण जयंती आयोजन समिति के संयोजक अच्युतानंद मिश्र ने एनयूजे (आई) की संस्थापकों तथा बाद में इसका नेतृत्व संभालने वाले उन 15 उन वरिष्ठ पत्रकारों को याद किया जिनके प्रयासों का प्रतिफल आज नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के रूप में है। देश भर से जुड़े पत्रकारों ने मौन रहकर उन सभी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

एनयूजे (आई) स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ करते हुए वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने कहा कि इन दिनों जो पत्रकारिता हो रही है वह पूरी तरह से बदल चुकी है। पत्रकारिता ने अपने मूल चरित्र को खो दिया है। आज सार्थक पत्रकारिता कैसे हो यह सबसे बड़ा प्रश्न है। खबर बेच कर मुनाफा कमाने की प्रवृति हो जाये तो पत्रकारों पर कई तरह के संकट हो जाते हैं। एनयूजे (आई) को मीडिया पर एक स्टेटस रिपोर्ट बना कर स्वर्ण जयंती समारोह के समापन में जारी करनी चाहिए। पत्रकारिता से संबंधित जितने भी कानून बने वह आज अप्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक नयी जानकारी देते हुए कहा कि 1951 में ही संविधान में पहला संशोधन पंडित नेहरू की सरकार ने तब कर दिया था जबकि राज्यसभा अस्तित्व में ही नहीं थी, यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 19 में किया गया था जिसके बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार मैं कटौती कर दी गई। अबतक देश का मीडिया इस पर चुप है एनयूजे (आई) को यह संविधान संशोधन रद्द करने की मांग करनी चाहिये।

रजत जयंती आयोजन समिति के संयोजक अच्युतानंद मिश्र ने कहा कि हम सभी एनयूजे (आई) के वैसे सभी पुराने नेताओं को याद करते हुए श्रद्धाजंलि अर्पित करें जिन्होंने संगठन गठन किया और उसे बहुत अच्छा स्वरुप दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरी मीडिया बदल गई है, श्रमिक संगठन बदल गया, समाचार पत्र स्वयं पेड न्यूज़ कर रहे हैं, ऐसे में पत्रकार कहाँ जाएं। बदली हुई परिस्थितियों में संगठन के ढांचे पर फिर से सोचना पड़ेगा। आज पत्रकारों में असुरक्षा बोध को किस तरह से कम किया जाए इस पर विचार मंथन होना चाहिए।

एनयूजेआई के पूर्व महासचिव के. एन. गुप्ता ने वर्तमान पदाधिकारियों को पूर्ण सहयोग व समर्थन का विश्वास दिलाया। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने कहा कि आज देश भर के सभी ट्रेड यूनियन समाप्ति की ओर हैं, इसके बावजूद एनयूजे (आई) सक्रिय है, इसकी अपनी विशेष पहचान भी है। उन्होंने पत्रकार प्रशिक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि राज्य व जिला स्तर पर कार्यरत पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं की जरूरत है। पूर्व अध्यक्ष उपला लक्ष्मण ने कहा कि एक सुविचारित रूपरेखा बनाकर स्वर्ण जयंती के कार्यक्रम सभी राज्यों में आयोजित किए जाएंगे। सीनियर लीडर्स को आगे बढ़कर मीडियाकर्मियों का एक सशक्त मोर्चा बनाने की दिशा में सोचना चाहिए। पूर्व अध्यक्ष अशोक मलिक ने कहा कि 23 जनवरी को एनयूजेआई का 50वां वर्ष शुरू हुआ है, संगठन का गठन पत्रकारिता को राजनीति से दूर रखने के उद्देश्य से किया गया था। आज भी पत्रकारिता को राजनीति से अलग रखने की जरूरत है। हमें सतर्क होकर कार्य करते हुए स्वस्थ पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को संगठन जोड़ते रहना होगा।

स्वागत भाषण में एनयूजे (आई) अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद हम सभी आपस मे मिलकर इस स्वर्ण जयंती कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि 1972 में गठित यह संगठन आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक बढ़ा हुआ है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए एनयूजे (आई) महासचिव सुरेश शर्मा ने कहा कि एनयूजे-आई के स्वर्ण जयंती वर्ष के शुभारंभ में हम सभी गौरवान्वित हैं। सभी महान पत्रकारों को याद करने का वक्त है जिहोने राष्ट्रवादी पत्रकारिता आंदोलन की शुरुआत की थी। मनोज मिश्रा के नेतृत्व में एनयूजे (आई) चल रहे संगठन की पहचान मजबूत है और दिशा भी सही है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में 21 राज्यों का प्रतिनिधित्व है। वर्ष 2021 में हर महीने अलग-अलग राज्यों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सभी महत्वपूर्ण सुझावों को प्रमुखता के साथ लेकर कार्य करेंगे।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एनयूजे (आई) के कोषाध्यक्ष उमेश चतुर्वेदी ने सभी नेताओं के संदेश के मुख्य बिंदुओं को रेखांकित किया। आयोजन में एनयूजे (आई) के उपाध्यक्ष सर्वश्री जीतेन्द्र अवस्थी, त्रियुगी नारायण तिवारी, नागेश्वर राव, सचिव श्रीमती आभा निगम, संजय पांडेय, सोमनाथ शर्मा, उदय जोशी तथा बीवीएस भास्कर, वरिष्ठ नेता विजय क्रान्ति, रामभुवन सिंह कुशवाह, ललित शर्मा, मनोहर सिंह, रवींद्र बाजपेयी, बलदेव प्रसाद शर्मा, जीसी श्रीवास्तव, अमलेश राजू, नवीन मल्होत्रा, बिश्वदेव भट्टाचार्य, मनु भारत, अमरनाथ वशिष्ठ, बीरबल शर्मा सहित राष्ट्रीय व राज्य इकाइयों के पदाधिकारी व नेताओं सहित 200 से अधिक पत्रकार शामिल हुए।

Times Todays News

No comments so far.

Be first to leave comment below.

Your email address will not be published. Required fields are marked *