बड़ा खिर्का सकुशल संपन, उर्स मख्दूम साहब में मजहबी सीमाये टूटी बड़ा खिर्का सकुशल संपन, उर्स मख्दूम साहब में मजहबी सीमाये टूटी
राजेश मिश्रा अयोध्या एतिहासिक कौमी एकता की प्रतीक और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल दरगाह मख्दूम अब्दुल हक़ साहिबे तोशा अलेहिर्रह्मा के चार रोज़ा... बड़ा खिर्का सकुशल संपन, उर्स मख्दूम साहब में मजहबी सीमाये टूटी

राजेश मिश्रा

अयोध्या
  • एतिहासिक कौमी एकता की प्रतीक और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल दरगाह मख्दूम अब्दुल हक़ साहिबे तोशा अलेहिर्रह्मा के चार रोज़ा उर्स का समापन हो गया जिसमे सज्जादानशीन शाह मोहम्मद अली आरिफ़ उर्फ़ सुब्बू मियां को शाह नासिर तबरेज़ अहमद उर्फ नासिर मियां व शाह यकीन अहमद उर्फ हनफ़ी मियां ने खिर्का शरीफ (पवित्र वस्त्र ) सज्जादा नशीन सुब्बू मियां को पहनाया | 28 जनवरी को क़दीम खानकाह हज़रत शैखुलआलम में शैखुलआलम कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसकी निजामत मौलाना इश्तियाक अहमद क़ादरी ने की शुरुआत कलाम पाक व नात मक़बत से हुई मौलाना इश्तियाक कादरी ने मख्दूम साहब पे रौशनी डाली और सय्यद रिज़वानुल्लाह व दीगर ने अपनी मधुर आवाज़ में नात पाक पढ़ कर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया सय्यद रिज़वानउल्लाह साहब ने बेहतरीन नात पाक पेश की ।सरवरे क़ायनात से ज़िन्दगी नेक नाम है। फर्श तो किया हुज़ूर का अर्श पे एहतेराम है । अनवारुल उयून पुस्तक का विमोचन व शेखुल आलम वेबसाइट का उद्घाटन शाह मोहम्मद अली आरिफ उर्फ सुब्बू मियां ने किया ।
    इंजीनियर सरफराज नसरुल्लाह , मोहम्मद शहीम, मिर्जा मोहम्मद इशराक बेग, शाह अब्दुलरहमान बब्लू मियां को शेखुलआलम अवार्ड देकर सम्मानित किया गया* इस साल कोविड 19 की वजह से मेला नही लगा जिसकी वजह से उर्स में ख़ुसूसी लोगों ने शिरकत की, सेनिटाइजर, और उचित दूरी व कोविड 19 का पालन किया गया । शाह आमिर तबरेज़ अहमद फारूकी उर्फ़ आमिर मियाँ की सरपरस्ती में उर्स की शुरुआत कदीम मस्जिद हज़रत शेखुलआलम में कुरआन ख्वानी से हुयी उसके बाद रात में दरगाह पहुच कर सज्जादा नशीन शाह मोहम्मद अली आरिफ़ उर्फ़ सुब्बू मियां ने क़व्वाली सुनी और कुल शरीफ हुवा जिसमे मज़ार मुबारक पर इत्र लगाया गया और उस पर फूलो की चादर चढ़ाया और अकीदतमंदो को तोशा शरीफ तकसीम किया इसके दुसरे दिन शाम 5 बजे गागार भरी गयी बाद नमाज मगरिब दरगाह मख्दूम अब्दुल हक़ साहिबे तोशा अलेहिर्रह्मा और क़दीम खानकाह हज़रत शैखुलआलम में सज्जादा नशीन शाह मोहम्मद अली आरिफ़ उर्फ़ सुब्बू मियां की सरपरस्ती में चिरागा हुवा और इसके बाद महफिले समां हुयी और रात 2 बजे गागार पर कुल हुआ | 28 जनवरी को खिर्का शरीफ (पवित्र वस्त्र ) शाह नासिर तबरेज़ अहमद उर्फ़ नासिर मियां व शाह यकीन अहमद उर्फ हनफ़ी मियां ने सुब्बू मियां को खिर्का पहनाया और सज्जादानशीन शाह मोहम्मद अली आरिफ उर्फ़ सुब्बू मियां* ने दरगाह शरीफ शेखुलआलम मखदूम अब्दुल हक़ र.अ. पर जायरीनों के साथ हाजरी दी अपने वतन वा देश के अमन सुख शांति एकता सद्भ्वाना कोरोना वाईरस के खात्मे की दुआ की वा अकीदतमंदो के लिये भी दुआ की जिसमे अकीदतमंदो की आखे नम हुई और मुरादो का सिलसिला चलता रहा बड़ा खिरका शरीफ अपने पुराने रवायत के साथ संपन हुवा जिसमे पूर्व मंत्री/पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी रश्दी मियां नगरपालिका चेयरमैन जब्बर अली, डॉ निहाल रज़ा, हाजी आमानत अली, डॉ अनवर खां, डॉ सय्यद ताज़ीम हैदर, महबूब आलम, सय्यद रिजवान उल्लाह, मोहम्मद आरिफ़, गंगा दिवेदी, इं० सरफ़राज़ नसरुल्लाह, महमूद सुहैल, इं चौधरी नूरुद्दीन सिद्दीकी, नौमान सिद्दीकी, सय्यद फारूक़ समाज सेवी, अली मियां, शाह फारूक़ अहमद, सय्यद सलमान बिन अहमद क़ादरी तारिक़ मियां, सय्यद हुमायूं कबीर, मोहम्मद आफाक, रामपुर से हज़रत शाह हसन मियां, सज्जादानशीन शाह अब्दुलरहमान बबलू मियां, डॉ सिराज अहमद क़ादरी, सय्यद एम एस फरीदी, मालिक हाफिज़ सबाउद्दीन, शाहिद सिद्दिकी, मोहम्मद शहीम, सय्यद अब्दुल जलील रूमी, राईस खा, शरीफ असलम, मोहम्मद अतीक खां, शाह आमिर तबरेज़, काज़ी इबाद , नबीउल्लाह, सुल्तान अहमद किदवाई, फ़रोग़ अहसन किरमानी, सय्यद अब्दुल जलील रूमी, फ़ैज़ अहमद, नावेद अहमद, चौधरी रज़ा मियां, सय्यद बदर मियां, ऐनान मसूद अंसारी, शाह तालिब अहमद, हस्सान किदवई, मन्नान क़िदवई, आफ़ताब अहमद, शाह इक़बाल अहमद, मोहम्मद हिदायत उल्लाह, बबलू खा, सईद अहमद, शाह सालिम अहमद, हाफ़िज़ मोहम्मद सलीम आदि ने शिरकत की | पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा जिसमे कोतवाल रुदौली, किला चौकी इंचार्ज अपने पूरे दल के साथ मौजूद रहे ।

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