


नयी दिल्ली। चीन के साथ गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत मित्रता निभाना जानता है लेकिन यदि कोई उसकी भूमि पर आंख उठाकर देखता है तो इसका उचित जवाब देना भी जानता है। आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात 2.0’ की 13वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सपूतों को याद करते हुए देश को आश्वस्त किया कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दुनिया ने देखा है।भारत मित्रता निभाना जानता है लेकिन भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमारे वीर सैनिकों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। लद्दाख में हमारे जो भी जवान शहीद हुए, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है।’कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश जहां एक तरफ मजबूती से इस संकट का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ‘‘कुछ पड़ोसियों’’ द्वारा पेश की गई चुनौतियों से भी निपट रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अब से छह-सात महीने पहले हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा और इसके खिलाफ यह लड़ाई इतनी लंबी चलेगी। यह संकट तो बना ही हुआ है, ऊपर से देश में नित नई चुनौतियां सामने आती जा रही हैं।
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