

प्रश्न न तुमसे कर रही…
अयोध्याजिलेराज्य January 20, 2021 Times Todays News 0

डिम्पल राकेश तिवारी
“राम”
हे राम
प्रश्न न तुमसे कर रही,
आक्षेप न तुमपे धर रही,
सत्य कहो हे राम तुम
सिय कैसे इतनी कष्टित रहीं?
तुम तो भगवान थे
संसार के श्रीराम थे
कैसे तुम्हारे रहते ही वो
रज-रज धूमिल हुई?
जो थे काँटे तुम्हारे राह के
सिय ने चुना उन्हें नैन से
सहती रही वेंदना सहती रही हर उलहाना
देंकर तुम्हे सर्वस्व मान
कैसे अपमान वो सहती रही।
प्रश्न न तुमसे न कर रही,
आक्षेप न तुमपे धर रही
सत्य कहो हे राम तुम
सिय कैसे हर ली गयीं?
हर श्वास में जो जप रहीं
बस राम राम ही कह रहीं
सत्य कहो हे राम तुम
फिर सिय कैसे कलंकित हुई?
माना की तुम भगवान थे
सिया के चारों धाम थे
सत्य कहो हे राम तुम
सिया ही क्यू चिन्हित हुई?
हे राम मैं प्रश्न न तूमसे कर रही
आक्षेप न तुमपे धर रहीं
सत्य कहो हे राम तुम
क्या मैं भी अनुउत्तरित रह गयी?
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