

नारी शक्ति सागर सम्मान से नवाजी गई डिम्पल तिवारी
अयोध्याजिले January 8, 2021 Times Todays 0

अयोध्या की प्रतिभाशाली गीतकार कवयित्री डिम्पल तिवारी को उनके सामाजिक एवं साहित्यिक योगदान के लिए,विश्व हिन्दी रचनाकार मंच और विश्व हिन्दी लेखिका मंच ने उत्तर प्रदेश नारी शक्ति सागर सम्मान से नवाजा है।मंच की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार डिम्पल को यह सम्मान उल्लेखनीय साहित्यिक उपलब्धियो के लिए दिया गया है।डिम्पल की प्रकाशित रचनाओ को चयन का मुख्य आधार माना गया।निरन्तर सम सामयिक मुद्दों पर लेखन कार्य जैसी महत्वपूर्ण उपलब्धियो के कारण संस्थान द्वारा इस सम्मान हेतु डिम्पल का चयन किया गया।संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राघवेन्द्र ठाकुर के कुशल निर्देशन मे शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र से जुड़े रचनाकारो से उनकी प्रकाशित और अप्रकाशित कृतियों तथा जीवन परिचय माँगा गया था।जिसमे पूरे भारत से हजारों की संख्या मे रचनाकारो ने आवेदन किया था।इन रचनाकारो के मध्य डिम्पल का चयन किया गया।डिम्पल की रचनाएँ और लेख भी चयन समिति को प्रभावित की थी।संस्थान द्वारा समारोह मे चार श्रेणियों मे सम्मान समारोह आयोजित था।जिसमे संस्थान की चयन समिति ने शीर्ष सम्मान नारी शक्ति सागर सम्मान डिम्पल को देने का निर्णय ली। रामलला की धरती अयोध्या से पहली बार गीतकार कवयित्री डिम्पल तिवारी को यह सम्मान मिला है।इसके पूर्व इस संस्थान द्वारा डिम्पल की रचनाओं और लेखो को समय-समय पर अपनी पत्रिका प्रकाशित कर चुका है।डिम्पल तिवारी मूल रूप से अयोध्या जनपद के सदर तहसील के अन्तर्गत 165,अवध यूनिवर्सिटी चौराहा,लेखेश्वर काम्पलैक्स की निवासी हैं।इनके पति राकेश तिवारी इनके रचनात्मक कार्यो मे भरपूर सहयोग करते है।विद्यार्थी जीवन से ही डिम्पल की रूचि शिक्षा और साहित्यिक के प्रति रही है।इन्होने बताया कि मनोयोग से रचना कार्य करते हुए बेहतर से बेहतर साहित्य क्षेत्र मे योगदान करना ही मुख्य उद्देश्य है।गृह कार्य के बाद जो समय मिलता है उस दौरान ए गीत, कविता,मुक्तक,कहानी,समीक्षा और शेर इत्यादि लिखती हैं।यह विविध विषयों पर रचनाएँ की है।विगत दिनो इन्हे अनेकों पत्रिकाओ मे सम्मान मिल चुका है।इनका चयन मौन तीर्थ हिन्दी विद्या पीठ उज्जैन मध्य प्रदेश द्वारा साहित्य वारिधि मानद उपाधि के लिये भी किया जा चुका है।डिम्पल की रचनाएँ समय समय पर देश-विदेश की विविध पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशित होती रहती है।इस सम्मान के साथ ही इनका चयन नीरज काब्य रत्न सम्मान के लिए भी हो चुका है।इन्हे कविता लेखन की प्रेरणा पिता रामउग्र शुक्ल और माता विन्दु शुक्ला और चाचा रमेश चन्द्र पाठक से मिली है।बचपन से ही साहित्य के प्रति इनकी रूचि रही।समय के साथ साथ इनका साहित्य सफर जारी रहा और आज भारत की लगभग सभी लब्ध प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाएं डिम्पल की रचनाओं को सम्मान सहित स्थान देती है।इस सम्मान के मिलने पर डिम्पल को आशीष तिवारी,सचिन शुक्ल,आशीष शर्मा,अभिषेक शुक्ल,राजन शुक्ल,अभय शुक्ल,अभिनव शुक्ल,उज्जवल शुक्ल,शैलेन्द्र बर्मा,अंकिता द्विवेदी,शोभा खेतान,सीमा मोटवानी,सुनीता यादव,सुचिता खेतान,पूजा सिंह,मान्या शुक्ला,पूजा मिश्रा, सीमा बर्मा,रति तिवारी, रिकी सिह,प्रीति शुक्ला,सलोनी,रमन द्विवेदी,भूषण पंडित जी,पंकज जी,शिवम,रिया वर्मा,शिवानी शुक्ला,विनीता,नमिता सिंह,राहुलकान्त मिश्रा,महेश मोटवानी,धीरज मिश्रा,आराधना, साधना,सदभावना,काजल तिवारी,अंकुर तिवारी,आरज़ू,गार्गी शुक्ला,धीरेंद्र त्रिपाठी आदि ने बधाई दी।
No comments so far.
Be first to leave comment below.